राजस्थान संकट : CM गहलोत के तीन वफादारों को शो-कॉज नोटिस, टीएस सिंह देव बोले- जो अपने MLAs न संभाल पाया, वो कांग्रेस क्या संभालेगा?
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राज्य में मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलें चल रही हैं। राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट इस पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं। वह कांग्रेस की राजस्थान इकाई से जुड़े राजनीतिक संकट के बीच मंगलवार को दिल्ली पहुंचे।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
राजस्थान में सियासी संकट के बीच कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति (सीडीसी) ने मंगलवार (27 सितंबर, 2022) की रात राजस्थान के मंत्रियों शांति धारीवाल और महेश जोशी तथा पार्टी के नेता धर्मेंद्र राठौड़ को उनकी ‘‘घोर अनुशासनहीनता’’ के लिए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। कमेटी ने उनसे 10 दिन के भीतर यह बताने के लिए कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। ये नोटिस तब भेजे गए हैं जब इससे पहले पार्टी पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने तीनों पर ‘घोर अनुशासनहीनता’ का आरोप लगाते हुए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को अपनी लिखित रिपोर्ट सौंपी थी।
अनुशासनात्मक समिति के सचिव तारिक अनवर द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, ‘‘यह कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए आपसे 10 दिन में यह बताने को कहा जाता है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संविधान के प्रावधानों के अनुसार आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए।’’ धारीवाल, विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जोशी और राठौड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा विधायकों की अलग से एक बैठक बुलाने और कांग्रेस विधायक दल की बैठक न होने देने के लिए की गई है। दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राज्य में मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलें चल रही हैं। पायलट इस पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।
गहमागहमी के बीच CM से मिलने पहुंचे कई MLA-मंत्री
इस बीच, कई विधायक और कुछ मंत्री सीएम से मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया कि सीएम से मिलने वालों में मंत्री भंवर सिंह भाटी, सालेह मोहम्मद, अशोक चांदना, सुखराम विश्नोई, विधायक मीना कुमारी, रफीक खान, खुशवीर जोजावर, अमित चाचाण, मदन प्रजापत, जगदीश जांगिड़ समेत करीब 20 विधायक हैं। जो विधायक और मंत्री गहलोत से मिलने पहुंचे है उन्होंने पहले से ही समय मांगा हुआ था। गहलोत ने विधायकों से अपने क्षेत्रों में जाकर मजबूती से काम करने को कहा है।
पर्यवेक्षकों ने संकट पर लिखित रिपोर्ट सोनिया को सौंपी
वहीं, इस संकट को लेकर पार्टी के पर्यवेक्षकों ने अपनी लिखित रिपोर्ट शाम को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी। गांधी ने सोमवार को दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से लिखित रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। सूत्रों के मुताबिक, माकन ने शाम को ईमेल के जरिए कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट दी। फिलहाल इस रिपोर्ट का विवरण सामने नहीं आ सका है। हालांकि, सूत्रों ने कहा था कि रिपोर्ट के आधार पर ‘अनुशासनहीनता’ के लिए मुख्यमंत्री के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: 30 सितंबर को थरूर का नामांकन
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 30 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजे नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मिस्त्री ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘थरूर के एक प्रतिनिधि ने यह जानकारी दी है कि वह 30 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजे नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।’’ वैसे, थरूर के करीबी सूत्रों ने पहले ही यह कहा था कि लोकसभा सदस्य 30 सितंबर को नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से चालू हुई थी, जो 30 सितंबर तक चलेगी। इसे वापस लेने की आखिरी तारीख आठ अक्टूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
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