राजस्थान में आर-पार का संग्राम: पायलट का अनशन, खरगे के लिए अग्निपरीक्षा
Pilot Vs Gehlot: पिछले साल राजस्थान की समस्या को सुलझाने के लिए मलिकार्जुन खरगे और अजय माकन को भेजा गया था। खरगे सामने ही सारा के सामने ही सारा नाटक हुआ। पायलट खेमे का कहना है इस मामले में पार्टी की किरकिरी हुई है और तमाम बारी ऐलान करने के बावजूद भी अनुशासन तोड़ने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वसुन्धरा सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ सचिन पायलट का अनशन।
Pilot Vs Gehlot: राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छिड़ी सियासी लड़ाई कांग्रेस के लिए आर-पार का संग्राम बन चुकी है। दोनों के बीच डेडलॉक खत्म करने के लिए राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने उनसे बातचीत की, लेकिन कुछ रास्ता नहीं निकला। सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट ने दो टूक कह दिया कि उनका अनशन नहीं रुकेगा। यह अनशन वसुंधरा राजे सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ है और कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ती आई है।
इतना ही नहीं, सचिन पायलट ने इस मसले पर किसी और से बात करने से भी इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि इस मसले पर आगे वह सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे , राहुल और प्रियंका गांधी के अलावा किसी और से बता नहीं करेंगे। आज होने वाले अनशन के बाद पायलट दिल्ली जाएंगे।
आश्वासनों का पिटाराजानकारों का कहना है कि पायलट खेमे को लगता है कि उनके नेता को आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उनको यह आश्वासन दिया था कि दिसंबर के बाद राजस्थान के मामले का निस्तारण हो जाएगा। कांग्रेस के महाधिवेशन में भी केसी वेणुगोपाल ने एक बार फिर मामले को सुलझाने के संकेत दिए थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
गहलोत पर नेतृत्व मेहरबानपिछले साल राजस्थान की समस्या को सुलझाने के लिए मलिकार्जुन खरगे और अजय माकन को भेजा गया था। खरगे सामने ही सारा के सामने ही सारा नाटक हुआ। पायलट खेमे का कहना है इस मामले में पार्टी की किरकिरी हुई है और तमाम बारी ऐलान करने के बावजूद भी अनुशासन तोड़ने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में खरगे पूरी बात को अच्छी तरह से जानते और समझते हैं, इसके बावजूद भी उनके अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान मे इस संकट को सुलझाने के लिए एक सुई तक नहीं उठाई गई। उल्टा अशोक गहलोत पार्टी के कार्यक्रमों में खरगे के साथ और एसएससी हेड क्वार्टर में मीडिया मंच पर राहुल गांधी के साथ नजर आ रहे हैं।
आर-पार की लड़ाईदरअसल राजस्थान का सियासी मामला अटकने से सचिन पायलट का सियासी भविष्य भी अधर में लटका हुआ है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लगातार तकरार छड़ी रहती है। इस साल के अंत में राजस्थान में विधान सभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पायलट के समर्थकों को लगता है कि सचिन पायलट के साथ नाइंसाफी हो रही है। सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट भाजपा के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसे में भाजपा के साथ उनके जाने की बातें निराधार हैं और ध्यान भटकाने के लिए की जा रहीं हैं। यह लड़ाई अब आर-पार की हो गई है और सचिन पायलट अनशन के बाद दिल्ली आकर पार्टी नेतृत्व से दिल्ली आकर अपनी बात रखेंगे। उधर गांधी परिवार इस मसले पर चुप्पी साधे हुआ है। इस बीच पायलट का अनशन और उससे पैदा होने वाला सियासी बवंडर खरगे के लिए सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा है।
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13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें
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