'यहां भी यही हाल है', राजस्थान की तुलना कर्नाटक से करा पायलट ने पूछा- पांच साल बाद लोग हमारी सुनेंगे?
Rajasthan Elections 2023: दरअसल, कांग्रेस शासित राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में 45 बरस के सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिये पांच दिवसीय यात्रा निकाली थी। सूबे के अजमेर से शुरू हुई पांच दिवसीय यात्रा का सोमवार (15 मई, 2023) को जयपुर में एक बड़ी रैली के साथ समापन हुआ।
कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट जन सभा के दौरान। (फाइल)
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट ने अपने सूबे की तुलना कर्नाटक से कराई है। उन्होंने बताया, “हमने कर्नाटक में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। कांग्रेस को वहां जनादेश मिला है और अगर (भाजपा की) बोम्मई सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो क्या लोग पांच साल बाद हमारी बात सुनेंगे? यहां राजस्थान में यही स्थिति है। इसलिए मैं इस पर कार्रवाई चाहता हूं।’’ उन्होंने इसके साथ ही अपने राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार से भ्रष्टाचार पर वादा पूरा करने के लिए कहा है।
सोमवार (15 मई, 2023) को जयपुर में यात्रा के समापन पर हुई रैली से पहले पायलट ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए इंटरव्यू में कर्नाटक की मौजूदा स्थिति की तुलना राजस्थान से की, जहां कांग्रेस ने 2018 में विधानसभा चुनाव जीते थे। युवा नेता का तर्क है कि कांग्रेस ने उन चुनावों से पहले वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, और लोगों को उम्मीद थी कि सत्ता में आने के बाद वह इस मुद्दे पर कार्रवाई करेगी। उन्होंने सवाल किया कि राज्य में पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के बारे में बात करना गलत कैसे हो सकता है।
पायलट ने कहा कि वह भविष्य में भी इस मुद्दे को उठाते रहेंगे। बाद में, रैली में पायलट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर महीने के अंत तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। वैसे, 2018 में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को राजस्थान में जिस तरह की दुविधा का सामना करना पड़ा, उसी तरह की स्थिति कर्नाटक में बन गई है जहां उसके सामने मुख्यमंत्री पद के दो प्रमुख दावेदार- डी के शिवकुमार और सिद्धरमैया हैं।
पायलट ने इसके अलावा दावा किया था कि उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी को जीत मिली। पायलट ने कहा कि 1998 में जब गहलोत को पहली बार राज्य सरकार का नेतृत्व करने का मौका दिया गया था, तब वह 47 या 48 साल के थे और उस समय के कद्दावर कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के अनुशासन का पालन किया था। उन्होंने गहलोत के वफादार और शहरी आवास विकास मंत्री शांति धारीवाल की हालिया टिप्पणी की भी आलोचना की जिसमें धारीवाल ने कहा था कि उन्होंने (गहलोत) कई बड़े नेताओं को मात दी है।
दरअसल, कांग्रेस शासित राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में 45 बरस के सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिये पांच दिवसीय यात्रा निकाली थी। सूबे के अजमेर से शुरू हुई पांच दिवसीय यात्रा का सोमवार (15 मई, 2023) को जयपुर में एक बड़ी रैली के साथ समापन हुआ। गहलोत को घेरने के लिए पायलट 2018 में राजस्थान चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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