Rajasthan Crisis: 'बागी' विधायकों ने कांग्रेस अलाकमान के नोटिस का दे दिया जवाब, जानें क्या कहा
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव से पहले राजस्थान में बड़ा सियासी बवाल देखने को मिला था। अशोक गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष उम्मीदवार की चर्चा के बीच नए CM के चेहरे पर फैसला करना था, जिसके लिए विधायक दल की बैठक में राय लेने के लिए पर्यवेक्षक भेजे गए थे... इनकी बैठक नहीं हुई और अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने सचिन पायलट का जमकर विरोध किया था।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो)
राजस्थान कांग्रेस के तीन 'बागी' विधायकों ने उस नोटिस का जवाब दे दिया है, जो कांग्रेस आलाकमान की तरफ से भेजे गए थे। इन तीनों विधायक कुछ दिन पहले हुए राजस्थान कांग्रेस में बगावत के समय बागियों के नेतृत्वकर्ता थे। अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे की शिकायत पर अनुशासनात्मक कमेटी ने राजस्थान कांग्रेस के इन तीन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक उन्होंने नोटिस का जवाब दे दिया है।
तीनों नेताओं के जवाब के बाद जल्द ही अनुशासनात्मक कमेटी एक बैठक बुलाएगी। सूत्रों के मुताबिक 19 अक्टूबर को नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद बैठक बुलाई जाएगी। आपको यह भी बता दें कि तीनों नेताओं ने कमेटी को दिए अपने जवाब में खुद को पार्टी का वफादार सिपाही बताया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी का जो भी फैसला होगा उनके लिए वह सर्वोपरि होगा।
आपको बता दें कि विधायक दल की बैठक नहीं होने देने के आरोप में प्रदेश के मंत्री शांति धारीवाल, चीफ व्हिप महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर को अनुशासनात्मक कमेटी ने नोटिस भेजा था। अनुशासनात्मक कमिटी की बैठक में जवाब से असंतुष्ट होने पर नए अध्यक्ष को फैसला लेने के लिए पत्र भेजा जाएगा।
जोशी को 6 अक्टूबर को मिला था कारण बताओ नोटिस
मुख्य सचेतक और मंत्री महेश जोशी को कारण बताओ नोटिस 6 अक्टूबर को मिला था। ऐसे में उनके पास जवाब देने के लिए 15 अक्टूबर तक का समय था, लेकिन महेश जोशी ने अपना जवाब नोटिस मिलने के 5 दिनों में ही 10 अक्टूबर को कांग्रेस अनुशासन समिति को भिजवा दिया है। हालांकि, नोटिस में क्या जवाब दिया गया है यह तो साफ नहीं है, लेकिन जानकारों की मानें तो महेश जोशी ने अपने नोटिस के जवाब में विधायक दल की बैठक से पहले मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर हुई बैठक के लिए विधायकों को फोन करने से इनकार किया है।
जोशी पर समानांतर बैठक करने का आरोप
आपको बता दें कि महेश जोशी को जो कारण बताओ नोटिस दिया गया था, उसमें उन पर आरोप था कि उन्होंने मुख्य सचेतक होते हुए मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली विधायक दल की बैठक के लिए तो फोन विधायकों को किए ही थे, उसके साथ ही मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर समानांतर बैठक में शाम 5 बजे शामिल होने के लिए फोन किए थे, लेकिन जोशी ने अपने जवाब में इन आरोपों से साफ इनकार किया है और कहा है कि विधायक स्वेच्छा से मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर पहुंचे थे। इसके लिए विधायकों को किसी ने फोन नहीं किया था।
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13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें
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