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एयर इंडिया में शिवराज को टूटी हुई सीट, केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर बोले-टाटा ग्रुप कार्रवाई करे नहीं तो सरकार दखल देगी

Rajeev Chandrasekhar : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, 'मुझे सीट क्रमांक 8सी आवंटित हुई। मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी। बैठना तकलीफदायक था। जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए।

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भोपाल से दिल्ली जा रहे थे कृषि मंत्री।

Rajeev Chandrasekhar : एयर इंडिया की फ्लाइट में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को 'टूटी हुई सीट' मिलने पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने विमानन कंपनी की सेवा पर चिंता जाहिर करते हुए टाटा ग्रुप से दखल देने की मांग की है। कृषि मंत्री का कहना है कि टूटी हुई सीट की वजह से उन्हें यात्रा के दौरान परेशानी हुई। X पर अपने पोस्ट में चंद्रशेखर ने कहा कि केंद्रीय मंत्री चौहान को छोड़कर यदि कोई और व्यक्ति होता तो इस तरह की सेवा पर उसने अपनी जायज नाराजगी दिखाई होती। केंद्रीय मंत्री ने टाटा ग्रुप से इस मामले में तुरंत कदम उठाने की अपील की है। चंद्रशेखर ने चेतावनी देते हुए कहा कि कंपनी यदि कार्रवाई करने में नाकाम होगी तो सरकार को दखल देना पड़ सकता है।

‘टूटी और धंसी हुई’ सीट आवंटित की गई-शिवराज

केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने शनिवार को एअर इंडिया की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें ‘टूटी और धंसी हुई’ सीट आवंटित की गई। शिवराज ने साथ ही कहा कि यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद एअरलाइन का उन्हें खराब और कष्टदायक सीट पर बैठाना अनैतिक है। चौहान द्वारा ‘एक्स’ पर अपना अनुभव साझा करने के बाद एअर इंडिया ने ‘असुविधा’ के लिए माफी मांगी है। चौहान ने कहा कि वह पूसा किसान मेले का उद्घाटन करने, कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक में भाग लेने और चंडीगढ़ में किसान संगठन के प्रतिनिधियों से चर्चा करने के लिए भोपाल से दिल्ली जा रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह भोपाल से दिल्ली जाने वाली एअर इंडिया की उड़ान एआई436 में सवार हुए थे।

'किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं'

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा, 'मुझे सीट क्रमांक 8सी आवंटित हुई। मैं जाकर सीट पर बैठा, सीट टूटी और अंदर धंसी हुई थी। बैठना तकलीफदायक था। जब मैंने विमानकर्मियों से पूछा कि खराब सीट थी तो आवंटित क्यों की? उन्होंने बताया कि प्रबंधन को पहले सूचित कर दिया था कि ये सीट ठीक नहीं है, इसका टिकट नहीं बेचना चाहिए। ऐसी एक नहीं और भी सीटें हैं।’ शिवराज ने कहा,‘सहयात्रियों ने बहुत आग्रह किया कि मैं उनसे सीट बदल कर अच्छी सीट पर बैठ जाऊं लेकिन मैं अपने लिए किसी और मित्र को तकलीफ क्यों दूं, मैंने फैसला किया कि मैं इसी सीट पर बैठकर अपनी यात्रा पूरी करूंगा। मेरी धारणा थी कि टाटा प्रबंधन के हाथ में लेने के बाद एअर इंडिया की सेवा बेहतर हुई होगी, लेकिन ये मेरा भ्रम निकला।’

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