Rajiv Gandhi Assassination: केंद्र सरकार ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका, कही ये 'अहम बात'
राजीव गांधी के 6 हत्यारों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने चुनौती दी है। पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि बिना केंद्र सरकार के पक्ष को सुने कोर्ट ने रिहाई का आदेश दे दिया।
6 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बी वी नागरत्न की बेंच ने अपने फैसले में नलिनी और आरपी रविचंद्रन समेत सभी दोषियों को रिहा कर दिया था। कोर्ट ने इसी हत्याकांड में एक अन्य दोषी ए जी पेरारिवलन की रिहाई के फैसले को आधार माना को लागू किया था।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर्विचार याचिका में केंद्र सरकार ने फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि-
1. संविधान के अनुच्छेद 137 में किए गए प्रावधान के तहत सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका लगाई है।
2. सुप्रीम ने हत्यारों की रिहाई का आदेश देते समय केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया।
3. याचिकाकर्ता यानि की हत्या के दोषियों ने याचिका दाखिल करते वक्त केंद्र सरकार को पक्षकार नहीं बनाया।
4. इस मामले में केंद्र सरकार के पार्टी न होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट के सामने इस केस से जुड़े सबूत और तथ्य नहीं आ सके और इनकी रिहाई हो गई।
5. सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत के खिलाफ है।
6. केंद्र सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगा कि क्योंकि रिहा किए गए 6 में से 4 दोषी श्रीलंका के नागरिक हैं। भारत के प्रधानमंत्री की हत्या करने वाले विदेशी मूल के आतंकवादियों को इस तरह से रिहा कर देना भारत की संप्रभुता पर विपरीत असर डालेगा।
7. सुप्रीम कोर्ट द्वारा 18 मई के अपने ही आदेश के आधार पर दोषी पर इन 6 दोषियों को रिहा कर देना ठीक नहीं है। इसी साल कोर्ट एक अन्य आरोपी पेरारिवलन को रिहा कर दिया था।
8. बिना केंद्र सरकार को सुने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा कर देना ठीक नहीं है क्योंकि इस फैसले का असर कानून व्यवस्था, शांति और देश के अपराधिक न्याय प्रणाली पर पड़ेगा।
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया था गलत
रिहाई के इस फैसले की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया है। पार्टी के मीडिया कम्युनिकेशन के इंचार्ज जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में कहा था कि ‘पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बाकी हत्यारों को रिहा करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है। कांग्रेस इसकी आलोचना करती है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया।’
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गौरव श्रीवास्तव author
टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पे...और देखें
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