Rajkot Fire: जिस TRP गेमिंग जोन के मालिक को तलाश रही थी पुलिस, उसकी उसी अग्निकांड में हो गई थी मौत; DNA जांच से खुलासा
TRP Game Zone owner Prakash Hiran Died: राजकोट के टीआरपी गेम जोन में हुए अग्निकांड मामले में बड़ी खबर सामने आई है। गेम जोन के एक मालिक प्रकाश हिरेन की उसी आग दुर्घटना में मौत हो गई है। प्रकाश हिरेन के पास गेम जोन की 60% से ज्यादा संपत्ति पर मालिकाना हक था।
राजकोट के टीआरपी गेम जोन के मालिक प्रकाश हिरेन की मौत
TRP Game Zone owner Prakash Hiran Died: राजकोट के टीआरपी गेम जोन में हुए अग्निकांड मामले में बड़ी खबर सामने आई है। गेम जोन के एक मालिक प्रकाश हिरेन की भी उसी आग दुर्घटना में मौत हो गई थी। प्रकाश हिरेन के पास गेम जोन की 60% से ज्यादा संपत्ति पर मालिकाना हक था। आग लगने की घटना के बाद आखिरी बार उन्हें सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था। इसके बाद प्रकाश हिरेन से कोई संपर्क नहीं हुआ।
अब पुलिस ने पुष्टि की है कि राजकोट में हुए अग्निकांड में जिन 27 लोगों की मौत हुई थी, उनमें से एक प्रकाश हिरेन भी थे। इसकी पुष्टि डीएनए सैंपलिंग से हुई है। आग की घटना के बाद से पुलिस को उनकी तलाश थी। बता दें, बीते शनिवार को राजकोट के टीआरपी जोन में आग लग गई थी। इसमें 27 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें चार बच्चे भी शामिल थे।
पांच साझेदार हो चुके हैं गिरफ्तार
बता दें, इस अग्निकांड के बाद पुलिस ने टीआरपी गेम जोन के पांच साझेदारों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक गिरफ्तारी मंगलवार को हुई। बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना ने बताया कि धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर को पड़ोसी राजस्थान के आबू रोड से गिरफ्तार कर लिया गया है। वह रेसवे इंटरप्राइज के पांच साझेदारों के साथ मिलकर टीआरपी गेम जोन चलाता था। इससे पहले पुलिस ने रेसवे इंटरप्राइज में साझेदार युवराज सिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ तथा गेम जोन के प्रबंधक नितिन जैन को गिरफ्तार किया था। उन्हें सोमवार को राजकोट की एक अदालत ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
छह लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है मामला
पुलिस ने मामले में आग लगने की इस घटना के संबंध में छह लोगों - धवल ठक्कर, युवराज सिंह सोलंकी, राहुल राठौड़ और रेसवे इंटरप्राइज के साझेदारों अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा और प्रकाशचंद हिरेन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें प्रकाशचंद हिरेन की मौत हो गई है। प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 337 (ऐसे कृत्य से चोट पहुंचाना जो दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है), 338 (किसी व्यक्ति के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य करके उसे गंभीर चोट पहुँचाना) और धारा 114 (अपराध होने पर किसी व्यक्ति की मौजूदगी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है और प्रत्येक मृतक के परिजन को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने भी प्रत्येक मृतक के परिजन को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author
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