राजकोट गेम जोन हादसा: IPS, IAS अफसरों को भी आरोपी बनाए जाने की याचिका, कोर्ट ने SIT को जारी किया नोटिस
याचिका में तत्कालीन राजकोट पुलिस आयुक्त राजू भार्गव, नगर निगम आयुक्त आनंद पटेल और स्थानांतरित किए गए दो आईपीएस अधिकारियों और 25 मई की घटना के बाद निलंबित किए गए नौ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की मांग की गई है।
राजकोट गेम जोन आग हादसा
Rajkot game zone fire: गुजरात के राजकोट की एक अदालत ने ट्रांसफर किए गए आईपीएस और आईएएस अधिकारियों और निलंबित किए गए अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर एसआईटी से रिपोर्ट मांगी है। एसआईटी टीआरपी गेम जोन अग्निकांड की जांच कर रही है। आपराधिक जांच याचिका में तत्कालीन राजकोट पुलिस आयुक्त राजू भार्गव, नगर निगम आयुक्त आनंद पटेल और स्थानांतरित किए गए दो आईपीएस अधिकारियों और 25 मई की घटना के बाद निलंबित किए गए नौ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की मांग की गई है। इस हादसे में 27 लोगों की जान चली गई थी।
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SIT से 20 जून तक मांगी जानकारी
याचिकाकर्ता विनेश छाया का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील राजेश जालू ने कहा कि अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट बी पी ठाकर ने बुधवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) को नोटिस जारी कर 20 जून तक सभी अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच की स्थिति रिपोर्ट मांगी है। याचिका में तर्क दिया गया कि जिन आधारों पर इन अधिकारियों का तबादला या निलंबित किया गया, वे एफआईआर दर्ज करने के लिए पर्याप्त थे। याचिकाकर्ता ने इन अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), धारा 337 (जल्दबाजी या लापरवाही से काम करके किसी को चोट पहुंचाना और मानव जीवन या दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत एफआईआर की मांग की।
27 लोगों की मौत
याचिका में कहा गया है कि शिकायत को दर्ज कराने का कारण यह भी है कि कर्तव्यों में लापरवाही के कारण 27 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए। याचिका में कहा गया है कि टीआरपी गेम जोन पिछले तीन-चार साल से बिना किसी अनुमति या लाइसेंस के चल रहा था। भार्गव के अलावा राजकोट के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त सुधीरकुमार देसाई और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) विधि चौधरी के साथ-साथ तत्कालीन नगर निगम आयुक्त आनंद पटेल का भी तबादला कर दिया गया और उन्हें घटना के दो दिन बाद पोस्टिंग की प्रतीक्षा में रखा गया है।
ये अधिकारी हुए निलंबित
इसके अलावा निलंबित नागरिक अधिकारियों में मुख्य अग्निशमन अधिकारी इलेश खेर, उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी भीखाभाई थेबा, सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, अग्निशमन केंद्र अधिकारी राहित विगोरा, सड़क और भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एमआर सुमा, तत्कालीन सहायक अभियंता पारस कोठिया, और पुलिस निरीक्षक वी आर पटेल और एन आई राठौड़ शामिल हैं। वहीं, अदालत ने अग्निकांड मामले में गिरफ्तार पांचवें आरोपी किरीटसिंह जाडेजा को आठ दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया।
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