Rajkot Fire: सिर्फ टिकट बेचने के लाइसेंस के साथ पूरा गेम ज़ोन स्थापित किया गया था?
Rajkot Game Zone Fire Update: राजकोट के टीआरपी गेम जोन में लगी आग मामले में नए अपडेट सामने आ रहे हैं गौर हो कि इस दर्दनाक हादसे में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है।
राजकोट स्थित टीआरपी गेम जोन में लगी आग में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है
Rajkot Game Zone Fire Updated News: गुजरात के राजकोट स्थित टीआरपी गेम जोन में लगी आग (Rajkot TRP Game Zone Fire) में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अब तक 25 शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है, उस वक्त टाइम्स नेटवर्क के हाथ कुछ अहम सबूत लगे हैं, जो सबूत सामने आए हैं वह यह है कि बुकिंग लाइसेंस जो राजकोट शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय से दिया गया था उस बुकिंग लाइसेंस की कॉपी टाइम्स नेटवर्क के पास पहुंच गई है। पता चला है कि राजकोट शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय से राजकोट नगर निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी, राजकोट शहर सड़क निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता और संयुक्त राज्य कर आयुक्त जीएसटी विभाग को भी लाईसेंस की एक प्रति भेजी गई थी।
गौरतलब है कि घटना वाले दिन से राजकोट नगर निगम का अग्निशमन विभाग एक ही बात कह रहा है कि टीआरपी गेम जोन के जरिए हमसे कोई अनुमति नहीं ली गई है। अनुमोदन प्राप्त करने हेतु हमारे विभाग में कोई आवेदन नहीं किया गया है, लेकिन जो बुकिंग लाइसेंस राजकोट पुलिस कमिश्नर कार्यालय से दिया गया था इसकी एक प्रति मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजकोट नगर निगम और राजकोट R&B विभाग के डिप्टी इंजीनियर को भी भेजी गई थी।
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इस प्रकार, राजकोट मनपा के उन दोनों अधिकारियों को पता था कि राजकोट शहर के तालुका पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक एम्यूजमेंट पार्क शुरू किया जा रहा है। फर्म का नाम रेसवे एंटरप्राइजेज है साथ ही इसके आवेदक युवराज सिंह सोलंकी हैं जो इस वक्त पुलिस की गिरफ्त में है इसकी जानकारी होने के बावजूद भी अपने मातहत निचले अधिकारी पर दोष मढ़कर उन दोनों अधिकारियों को निलंबित किये जाने की घटना सामने आयी है।
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बता दें कि बुकिंग जोन के लाइसेंस के समय प्रवेश शुल्क मात्र 20 रुपये दिखाया गया था। साथ ही विभिन्न गतिविधियों के लिए न्यूनतम 50 रुपये शुल्क लेने की बात भी है जबकि अधिकतम 250 रुपए वसूले जाने की गारंटी भी युवराज सिंह सोलंकी ने दी थी।
अब तक सस्पेंड किए गए अधिकारी-
1. गौतम जोशी, असिस्टेंट टाउन प्लानर, टाउन प्लानिंग विभाग राजकोट
2. जयदीप चौधरी, असिस्टेंट इंजीनियर, टाउन प्लानिंग विभाग राजकोट
3. एम आर सुमा, डिप्टी इंजीनियर, R&B विभाग राजकोट
4. वी आर पटेल, पुलिस इंस्पेक्टर ( उस वक्त के मौजूदा राजकोट तालुका थाना इंचार्ज)
5. एन आई राठौड़, इंस्पेक्टर (उस वक्त के लाइसेंस इंस्पेक्टर राजकोट तालुका थाना)
6. पारस कोठिया, असिस्टेंट इंजीनियर, R&B विभाग राजकोट
7. रोहित विगोरा, स्टेशन ऑफिसर, राजकोट फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज
आपको बता दे राजकोट पुलिस ने लाइसेंस तक राजकोट के R&B विभाग के डिप्टी इंजीनियर के कहने पर ही दिया जिसकी कॉपी तक टाइम्स नेटवर्क के पास है, राजकोट में जब आग लगी उस दौरान के राजकोट शहर के पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव थे जिन्होंने तक बताया था कि लाइसेंस राजकोट पुलिस ने दिया था लेकिन लाइसेंस की कॉपी राजकोट फायर और R&B विभाग को दी गई थी जिसके बाद आगे सेफ्टी नियमो का ध्यान रखना मनपा का काम था।
7 दिनों के भीतर फाइनल रिपोर्ट गुजरात सरकार को सौंपेगी
राजू भार्गव के बयान के बाद गुजरात सरकार ने 7 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था और उसके ठीक बाद शाम तक राजकोट पुलिस कमिश्नर और राजकोट म्युनिसिपल कमिश्नर का भी तबादला कर दिया गया था अब ये सारे अधिकारी SIT की रडार पर है और इन सभी से SIT की टीम पूछताछ कर आने वाले 7 दिनों के भीतर फाइनल रिपोर्ट गुजरात सरकार को सौंपेगी।
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