राजनाथ सिंह ने समझाया देश की तरक्की का गणित, बोले- नेता 'न' कहना, ब्यूरोक्रेट्स 'हां' कहना सीखें
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लखनऊ में के कार्यक्रम मे कहा कि जिस दिन इस देश के नेता ना कहना सीख जाएंगे और ब्यूरोक्रेट्स हां कहना सीख जाएंगे, उस दिन इस देश का कल्याण हो जाएगा। साथ ही उन्होंने कई प्ररेणादायक बातें कहीं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
लखनऊ में आयोजित 'टुगेदर वी कैन राइज' कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि जिस दिन इस देश के नेता ना कहना सीख जाएंगे और ब्यूरोक्रेट्स हां कहना सीख जाएंगे, उस दिन इस देश का कल्याण हो जाएगा। राजनीतिज्ञ हर बात के लिए हां कह रहे हैं, यहां तक कि उन चीजों के लिए भी जो वे नहीं कर सकते हैं, इससे जनता का राजनेताओं पर से विश्वास उठ रहा है और भारत की राजनीति में विश्वसनीयता का संकट पैदा हो रहा है। कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण की शुरुआत गणित से प्रोफेसर की तरह मैथमेटिक्स एक सूत्र a+b के हो स्कॉयर से की।
निर्णय से पहले समाज के आखिरी छोड़ पर खड़े व्यक्ति के बारे में सोचें
राजनाथ ने कहा कि अपने किसी भी निर्णय के समय महात्मा गांधी के उस कथन को याद करें, जिसमें उन्होंने यह कहा था, जो सबसे गरीब आदमी तुमने देखा हो, उसकी शक्ल याद करो और अपने हृदय से पूछो कि जो कदम उठाने का तुम विचार कर रहे हो, वह उस आदमी के लिए कितना उपयोगी होगा, क्या उससे उसे कुछ लाभ पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने निर्णय से पहले यह सोचना पड़ेगा कि हमारे इस निर्णय से समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति पर क्या असर पड़ेगा। जिस दिन से आप इस सोच के साथ कार्य करना शुरू करेंगे। मेरा विश्वास करिए, आपके अंदर एक आत्म संतुष्टि का भाव आएगा।
जनप्रतिनिधि की किसी भी अच्छी बात को ध्यान से सुने
राजनाथ सिंह ने कहा कि आम तौर पर जनता में यह अवधारणा है कि ब्यूरोक्रेट्स उस तरह से जनता के साथ पेश नहीं आते, जिस तरह से उन्हें पेश आना चाहिए। जिस दिन इस देश का नेता 'न' कहना, और इस देश की ब्यूरोक्रेसी 'हां' कहना सीख जाएगी, उस दिन देश का कल्याण हो जाएगा। आपको पद पर रहते हुए इस बात का भी ध्यान रखना है कि आप किसी जनप्रतिनिधि द्वारा सुझाए गए किसी भी अच्छी बात को ध्यान से सुने और यदि उचित हो तो उसे अमल में भी लाएं।
चुनौतियों में भी अपने अंदर के बच्चे को जीवित रखें
राजनाथ सिंह ने कहा कि जनप्रतिनिधि अपनी जनता से संबंधित मुद्दों को तो आपके सामने उठाएगा ही। इसलिए आपको अपने क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर कार्य करना होगा। कई प्रकार की चुनौतियां आएंगी लेकिन मेरा आपसे आग्रह है कि चाहे लाख चुनौतियां आए चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं,आप अपने अंदर के बच्चे को कभी खत्म मत करिएगा। आपके अंदर का बच्चा हमेशा जीवित रहना चाहिए।
मुख़्तसर सी ज़िन्दगी के अजीब से अफ़साने हैं!
रक्षा मंत्री ने कहा कि कई बार जीवन में ऐसे मोड़ आ जाते हैं, जहां आपको समझ ही नहीं आता कि करें तो करें क्या। एक moral dilemma वाली स्थिति हो जाती है। किसी ने कहा है कि मुख़्तसर सी ज़िन्दगी के अजीब से अफ़साने हैं!
जीवन में कभी भी अपने विवेक का साथ न छोड़ें
आप सभी से मेरा बस एक ही आग्रह है, कि जीवन में कभी भी अपने विवेक का साथ न छोड़ें। आप विवेक के साथ चलें, तो हो सकता है कि मुश्किलें आएं, पर उनसे निकलने का रास्ता भी आपको उन्हीं मुश्किलों में निकलता दिखाई देगा; ऐसा मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं।
राजनाथ ने की UPSC की तारीफ
राजनाथ ने कहा कि खुशी की बात है कि Civil services के क्षेत्र में काबिलियत के आधार पर candidates select कर UPSC ने अपनी साख लगातार बनाए रखी है; आप लोगों का selection स्वयं में इसका प्रमाण है।
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