जम्मू में राजनाथ: पुंछ में मारे गए तीन नागरिकों के परिवारों से की मुलाकात, सेना को दी नसीहत

Rajnath Singh: पुंछ हमले के बाद 27 से 42 वर्ष की आयु के तीन स्थानीय लोगों को कथित तौर पर सेना ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था जो अगले दिन मृत पाए गए। राजनाथ सिंह ने कहा, ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए।

Rajnath Singh

राजनाथ सिंह

तस्वीर साभार : भाषा

Rajnath Singh: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को जम्मू पहुंचे। यहां उन्होंने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने सैनिकों की वीरता के लिए उनकी सराहना करते हुए कहा कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि सेना जम्मू कश्मीर की धरती से आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया कर देगी। इसके साथ ही उन्होंने सैनिकों से आह्वान किया कि वे ऐसी कोई गलती नहीं करें जिससे देश के नागरिकों को नुकसान हो सकता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए लोगों का दिल जीतना भी सैनिकों की जिम्मेदारी है। बता दें, पुंछ में आतंकवादी हमले के बाद सिंह राजौरी और जम्मू के एक दिवसीय दौरे पर हैं। रक्षामंत्री का बयान यह 22 दिसंबर को पुंछ जिले में कथित तौर पर तीन नागरिकों के मृत पाए जाने के बाद उपजे आक्रोश के बीच आया है। जानकारी के मुताबिक सुरक्षा बलों ने उन्हें एक दिन पहले सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला करने और चार सैनिकों के शहीद होने के मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।

सेना प्रमुख व उपराज्यपाल के साथ रजौरी पहुंचे राजनाथ

रक्षा मंत्री जम्मू पहुंचने के तुरंत बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ राजौरी जिले के लिए रवाना हो गए। इस साल खासतौर पर राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार हिंसा और आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है। राजौरी में एक सैन्य छावनी में सैनिकों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने सैनिकों की बहादुरी की सराहना की। उन्होंने कहा, मुझे आपकी बहादुरी और दृढ़ता पर विश्वास है। जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद खत्म होना चाहिए और आपको इस प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप जीत हासिल करेंगे।

राजनाथ ने दी नसीहत

बता दें, पुंछ के सुरनकोट इलाके में 21 दिसंबर को ढेरा की गली और बफलियाल के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिक शहीद हो गए जबकि तीन अन्य घायल हुए हैं। हमले के बाद 27 से 42 वर्ष की आयु के तीन स्थानीय लोगों को कथित तौर पर सेना ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था जो अगले दिन मृत पाए गए। जल्द ही, हिरासत में लिए गए नागरिकों की कथित यातना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सिंह ने कहा, ऐसी घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता। मुझे पता है कि आप स्थिति के प्रति सतर्क हैं लेकिन महसूस करते हैं कि अधिक सतर्कता की जरूरत है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार आपके साथ खड़ी है और आपका कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। तीन नागरिकों की मौत का संदर्भ देते हुए रक्षा मंत्री ने सैनिकों से देश के नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वाली गलतियों से बचने की अपील की।

पहले की तुलना में अधिक शक्तिशाली सेना

रक्षामंत्री ने कहा, भारतीय सेना को दुनिया में कोई आम बल नहीं माना जाता है। लोग स्वीकार करते हैं कि सेना पहले से कहीं अधिक शक्तिशाली है और पहले की तुलना में सुसज्जित भी है। आप देश के संरक्षक हैं लेकिन देश की रक्षा के साथ-साथ आपको नागरिकों का दिल भी जीतना है। यह आपके कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है। सिंह ने कहा, इसे और अधिक गंभीरता से करने की आवश्यकता है और इसे लोगों से मिलकर, उनकी समस्याओं को सुनकर और समाधान के लिए उचित स्तर पर उन मुद्दों को उठाकर हासिल किया जा सकता है।

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