जकार्ता में अमेरिकी रक्षा मंत्री से फिर मिले राजनाथ सिंह, इन मुद्दों पर हुई बात

Rajnath Singh: राजनाथ सिंह और लॉयड ऑस्टिन के बीच हुई मुलाकात के दौरान भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों तथा और अधिक सुरक्षित विश्व की दिशा में साझा प्रयासों को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह बातचीत आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की 10वीं बैठक (एडीएमएम-प्लस) से इतर हुई।

Rajnath Singh

राजनाथ सिंह

Rajnath Singh: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर से अपने अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात गुरुवार को जकार्ता में हुई। इस दौरान दोनों के बीच कई अहम मुद्दों पर भी बातचीत हुई। बता दें, एक सप्ताह पहले नई दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई थी।

जानकारी के मुताबिक, इस दौरान भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों तथा और अधिक सुरक्षित विश्व की दिशा में साझा प्रयासों को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह बातचीत आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की 10वीं बैठक (एडीएमएम-प्लस) से इतर हुई जिसमें राजनाथ सिंह और ऑस्टिन ने इस बारे में चर्चा की कि भारत और अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान की केंद्रीयता पर मिलकर किस तरह योगदान दे सकते हैं।

हिंद-प्रशांत के मुद्दे पर हुई बातचीत

भारतीय अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेताओं ने जकार्ता में मिले अवसर का इस्तेमाल पिछले कुछ सालों में भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी में हुई शानदार प्रगति की त्वरित समीक्षा करने में किया। उन्होंने इस बारे में बातचीत की कि दोनों देश किस तरह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं। बता दें, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) 10 देशों का क्षेत्रीय समूह है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाता है। एडीएमएम-प्लस में आसियान के 10 देशों के साथ इसके आठ संवाद साझेदार देश- भारत, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और अमेरिका शामिल हैं।

यह युग युद्ध का नहीं

इससे पहले राजनाथ सिंह ने आसियान बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत वैश्विक मानदंडों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में नौवहन, वायु क्षेत्र में विमानों की आवाजाही और निर्बाध वैध व्यापार की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दुनिया में स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बातचीत और कूटनीति के महत्व को भी रेखांकित किया और संघर्षों के परिणामों पर चिंता व्यक्त की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुनिया भर में भारत के इस संदेश की तसदीक की कि यह युद्ध का युग नहीं है और उन्होंने एक दूसरे के प्रति विरोध की मानसिकता को छोड़ने की अनिवार्यता के बारे में भी चर्चा की।

(नोट: भाषा एजेंसी इनपुट)

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