जज के घर कैश बरामदगी के बाद NJAC का मुद्दा गरमाया, सभापति ने नड्डा और खरगे के साथ बुलाई अहम बैठक
सभापति धनखड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) अधिनियम के 2014 में पारित होने के बाद न्यायिक नियुक्तियों के लिए तंत्र का 21 मार्च को जिक्र किया था।

सभापति ने नड्डा और खरगे के साथ बुलाई अहम बैठक
Meeting Over NJAC Issue: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने न्यायिक जवाबदेही और एनजेएसी अधिनियम के मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को सदन के नेता जे. पी. नड्डा और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक बुलाई है। इस संबंध में एक सूत्र ने कहा कि सभापति ने नड्डा और खरगे दोनों को अपने कक्ष में पूर्वाह्न 11:30 बजे होने वाली बैठक के संबंध में पत्र लिखा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश के आवास से नकदी बरामद होने का मुद्दा उठाया था, जिसके जवाब में सभापति ने 21 मार्च को टिप्पणियां की थीं। इसी संदर्भ में सभापति ने नड्डा और खरगे के साथ यह बैठक बुलाई है।
सभापति धनखड़ ने किया था अधिनियम का जिक्र
सभापति धनखड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) अधिनियम के 2014 में पारित होने के बाद न्यायिक नियुक्तियों के लिए तंत्र का 21 मार्च को जिक्र किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम को रद्द कर दिया था। धनखड़ ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था, आप सभी को वह व्यवस्था याद होगी जिसे इस सदन ने लगभग सर्वसम्मति से पारित किया था। उस पर कोई मतभेद नहीं था। सभी राजनीतिक दल एकजुट हुए थे और सरकार की पहल का समर्थन किया था।
उन्होंने कहा था, मैं यह जानना चाहता हूं कि भारतीय संसद से पारित उस विधेयक की क्या स्थिति है, जिसे देश की 16 राज्य विधानसभाओं ने मंजूरी दी और जिस पर संविधान के अनुच्छेद 111 के तहत माननीय राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किए थे। सभापति ने कहा था, इस देश के संसदीय इतिहास में अभूतपूर्व सहमति के साथ इस संसद द्वारा पारित ऐतिहासिक विधेयक में इस बीमारी से निपटने के लिए बहुत गंभीर प्रावधान थे। अगर इस बीमारी को खत्म कर दिया गया होता तो शायद हमें इस तरह के मुद्दों का सामना नहीं करना पड़ता। धनखड़ ने कहा था कि वह नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष से चर्चा करेंगे।
जानें पूरा मामला
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर लगी आग के दौरान अंदर भारी मात्रा में कैश मिला था। बाद में इसका वीडियो भी सामने आया जिसमें नोटों की गड्डी जलती हुई नजर आईं। इस वीडियो को दिल्ली पुलिस की ओर से शूट किया गया था। इसे सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया। इस मामले से जुड़े डॉक्यूमेंट भी वेबसाइड पर डाल दिए गए। साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट के जीफ जस्टिस की रिपोर्ट भी सार्वजनिक कर दी गई और जस्टिस यशवंत वर्मा का जवाब भी सार्वजनिक कर दिया गया था।
जस्टिस यशवंत वर्मा के लुटियंश दिल्ली स्थित घर पर होली की रात 14 मार्च करीब 11 बजकर 35 मिनट पर आग लगी थी। दमकल कर्मियों की टीम आग बुझाने के लिए घटनास्थल पर पहुंची जहां बड़ी मात्रा में नोटों की गड्डी बरामद हुई। वीडियो के साथ जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि घर के जिस कमरे में आग लगी थी, वहां 4 -5 अधजली बोरियां बरामद हुईं है, इनके अंदर रुपये के अवशेष मिले।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने दिल्ली हाईकोर्ट के वर्तमान जज यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया शामिल थे। फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को कहा गया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए।
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