नहीं सुधरे माननीय, हंगामे के कारण लोकसभा में 45 घंटे और राज्यसभा में महज 31 घंटे ही हुआ काम

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च ने कहा कि लोकसभा में निर्धारित समय के 34.28 प्रतिशत समय में ही कामकाज हुआ वहीं राज्यसभा में 24 प्रतिशत समय में कामकाज हुआ।

हंगामे के चलते संसद में ठीक से काम नहीं हो सका

Uproar in Parliament: हंगामे के चलते संसद के बजट सत्र में इस बार ठीक से काम नहीं हो सका और हर रोज सदन स्थगित ही रहा। इसके चलते दोनों सदनों में बहुत कम काम हुआ और कई अहम विधेयक पास नहीं हो सके। पूरे सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच ठनी रही और संसद नहीं चली।

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पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के आंकड़े एक थिंक टैंक द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार दैनिक व्यवधान और बार-बार स्थगन के कारण संसद के बजट सत्र में निर्धारित समय से बहुत कम कामकाज हो सका। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च नामक थिंक टैंक के अनुसार, लोकसभा में 133.6 घंटे की निर्धारित अवधि के मुकाबले 45 घंटे से थोड़ा ही अधिक कामकाज हुआ जबकि राज्यसभा में 130 घंटे की निर्धारित अवधि के मुकाबले 31 घंटे से थोड़ा ही अधिक कामकाज हुआ।

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पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च ने कहा कि इसका अर्थ है कि लोकसभा में निर्धारित समय के 34.28 प्रतिशत समय में ही कामकाज हुआ वहीं राज्यसभा में 24 प्रतिशत समय में कामकाज हुआ। दोनों सदनों में व्यवधान का असर प्रश्नकाल पर भी पड़ा और पूरे बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 4.32 घंटे ही प्रश्नकाल चला जबकि राज्यसभा में यह समय सिर्फ 1.85 घंटा रहा।

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