राघव चड्ढा की संसद सदस्यता हुई बहाल, राज्यसभा ने वापस लिया उनका निलंबन

Raghav Chadha Membership Case: आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद राघव चड्ढा की संसद सदस्यता बहाल हो गई है। अब वो फिर से राज्यसभा में नजर आएंगे। राज्यसभा ने उनका निलंबन वापस लिया गया। आप सांसद चड्ढा ने अपनी सांसदी बहाल होने पर खुशी जाहिर की है। आपको पूरा मामला इस रिपोर्ट में बताते हैं।

Raghav Chaddha

राघव चड्ढा के लिए खुशखबरी, संसद सदस्यता बहाल।

Raghav Chadha News: राजस्यसभा ने राघव चड्ढा की संसद सदस्यता फिर से बहाल कर दी है। राघव पर आरोप लगा था कि उन्होंने पांच राज्यसभा सांसदों का नाम चयन समिति में शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं ली थी। संसद सदस्यता बहाल होने के बाद आप सांसद चड्ढा ने खुशी जाहिर की है और कहा है कि वो राज्यसभा के इस फैसले से खुश हैं।

सुप्रीम कोर्ट तक गए थे राघव चड्ढा

राघव चड्ढा का निलंबन राज्यसभा ने वापस ले लिया है, राज्यसभा ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर दिया है। बीते अगस्त माह में पांच राज्यसभा सांसदों का नाम चयन समिति में शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं लेने का आरोप राघव चड्ढा पर लगा था, इसी आरोप के चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया था। राघव ने अपने निलंबन के खिलाफ चड्ढा सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था।

सदस्यता बहाल होने पर क्या बोले AAP नेता राघव चड्ढा

आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा का राज्यसभा से निलंबन सोमवार को राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने रद्द कर दिया। आप नेता के निलंबन मामले पर चर्चा के लिए सोमवार दोपहर संसद में राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति की बैठक हुई। एक वीडियो संदेश में, चड्ढा ने कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण मेरा निलंबन (एक सदस्य के रूप में राज्य सभा से) रद्द कर दिया गया। सदन में एक प्रस्ताव के माध्यम से निलंबन रद्द कर दिया गया। मुझे 115 दिनों तक निलंबित रखा गया था। और मैं इस दौरान लोगों के सवाल नहीं पूछ सका। आज मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट और राज्यसभा सभापति को धन्यवाद देता हूं।'

11 अगस्त, 2023 को हुआ था राघव चड्ढा का निलंबन

राघव चड्ढा को शिकायतों के बाद "विशेषाधिकार के उल्लंघन" के लिए इस साल 11 अगस्त को उच्च सदन (राज्यसभा) से निलंबित कर दिया गया था। सांसद पर आरोप था कि उन्होंने पांच राज्यसभा सांसदों का नाम चयन समिति में शामिल करने से पहले उनकी सहमति नहीं ली थी। उन्हें तब तक निलंबित कर दिया गया था जब तक कि विशेषाधिकार समिति ने राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के जाली हस्ताक्षर करने के आरोप पर अपना निष्कर्ष प्रस्तुत नहीं किया। चड्ढा ने अपने इस निलंबन को स्पष्ट रूप से अवैध और कानून के अधिकार के खिलाफ बताया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बिना शर्त माफी मांगने की दी थी सलाह

निलंबन का सामना करते हुए, चड्ढा ने उच्च सदन से अपने अनिश्चितकालीन निलंबन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने चड्ढा को जगदीप धनखड़ से मिलने और बिना शर्त माफी मांगने को कहा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने उम्मीद जताई कि अध्यक्ष इस मामले पर "सहानुभूतिपूर्ण" दृष्टिकोण अपनाएंगे। पीठ ने चड्ढा के वकील के बयान दर्ज किया कि सांसद राघव चड्ढा का उस सदन की गरिमा को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है, जिसके वह सदस्य हैं और वह राज्यसभा सभापति से मिलने का समय मांगेंगे ताकि वह बिना शर्त माफी मांग सकें।
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