Ram Mandir Pran Pratishtha Video: कैसे होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, क्या लगेगा भोग और क्या होगी पूजा की विधि; जानिए सबकुछ

Ram Mandir Pran Pratishtha Video: अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन का 7 दिवसीय अनुष्ठान जारी है। अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठा) के लिए वैदिक अनुष्ठान 16 जनवरी से चल रहा है। 16 जनवरी को जहां प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन कराया गया था, वहीं 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश हुआ था।

Ram Mandir Pran Pratishtha Video: राम लला का सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा होना है। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है। सोमवार को अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में राम लला की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। पहले दिन सिर्फ आमंत्रित लोग ही मंदिर में पूजा-पाठ कर पाएंगे, अगले दिन से यानी 23 जनवरी से आम लोग भी राम लला के दर्शन कर पाएंगे।

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सात दिवसीय उत्सव

अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन का 7 दिवसीय अनुष्ठान जारी है। अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठा) के लिए वैदिक अनुष्ठान 16 जनवरी से चल रहा है। 16 जनवरी को जहां प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन कराया गया था, वहीं 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश हुआ था। 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास के साथ ही श्रीराम लला विग्रह को उनके स्थान पर विराजमान किया गया। 19 जनवरी को औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, 19 जनवरी को धान्याधिवास, 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास और 21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास कराया गया। सात दिवसीय अयोध्या समारोह कार्यक्रम का कल अंतिम दिन है। भगवान राम को दोपहर 12:15 बजे से 12:45 बजे के बीच मंदिर में औपचारिक रूप से विराजमान किया जाएगा, जो शुभ मृगसिरा नक्षत्र के साथ मेल खाता है, जो इस स्मारकीय अवसर के लिए एक खगोलीय संरेखण का प्रतीक है।

कार्यक्रम में अनेक परंपराओं को मिलेगा स्थान

प्राण प्रतिष्ठा में विभिन्न परंपराओं के लोगों को भी स्थान दिया गया है। शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएं इसमें भाग लेंगी। गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा।

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