रामचरितमानस विवाद: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की बढ़ी मुश्किलें, गठबंधन साथी ने भी घेरा, खिलाफ में कई अदालतों में अर्जी दायर

महाकाव्य रामचरितमानस के बारे में टिप्पणी को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। उनपर धार्मिक भावनाओं को आहत करने को लेकर कई अदालतों में शिकायतें दर्ज की गई हैं। इतना ही नहीं जदयू ने मामले को तूल पकड़ते देख मंत्री को ऐसे बयान देने से परहेज करने की सलाह दी है।

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बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर

पटना: महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की मुश्किलें शुक्रवार को बढ़ती दिखी। बिहार के एक से अधिक जिलों की अदालतों में कई याचिकाएं दायर की गईं हैं जिनमें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया, जबकि उनकी पार्टी ने कहा कि उन्होंने वास्तव में बीजेपी जो कमंडलवादियों का प्रतिनिधित्व करती है, के बारे में कहा था।
बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा और राजीव कुमार के अलावा गरीब नाथ मंदिर के महंत अभिषेक पाठक और स्थानीय हिंदू संगठन के नेता श्याम सुंदर ने मंत्री के खिलाफ याचिकाएं दायर की। उन्होंने हिंदू भावनाओं का जानबूझकर अपमान करने के लिए आरजेडी नेता के खिलाफ भादंवि की संगत धाराओं के तहत मुकदमा चलाए जाने की प्रार्थना की है। अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 25 जनवरी की तारीख तय की है। बेगूसराय जिले के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने भी इसी तरह की याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उनकी याचिका पर अदालत द्वारा सुनवाई के लिए तारीख का निर्धारण किया जाना अभी बाकी है।
चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मध्ययुगीन संत गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित रामायण के लोकप्रिय संस्करण रामचरितमानस पर टिप्पणी की थी। बाद में जब पत्रकारों द्वारा उनसे उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर वे अपनी बात पर अड़े रहे और कहा कि मनु स्मृति, रामचरितमानस और बंच ऑफ थॉट्स (आरएसएस विचारक एम एस गोलवलकर द्वारा लिखित) ने समाज में नफरत को बढ़ावा दिया है। यही कारण है कि इन (कार्यों) को दलितों और ओबीसी से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री ने कहा था कि वह रामचरितमानस से सामाजिक भेदभाव की निंदा करने वाले सभी छंदों को निकाले जाने की वे मांग करेंगे। भाजपा और इसके नेताओं ने मंत्री को उनके विवादित बयान को लेकर उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है।
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