...तो RSS में बढ़ेगी औरतों की हिस्सेदारी? संघ बनाएगा प्लान, समझें- 'राष्ट्र सेविका समिति' क्या करती है काम
दरअसल, आरएसएस की सालाना अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की इस बैठक में पिछले एक साल में संगठन के काम-काज की समीक्षा की जाएगी और आगे के एक वर्ष के काम का खाका तैयार किया जाएगा।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने कार्यक्रमों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने से जुड़े उपायों पर चर्चा करेगा। रविवार (12 मार्च, 2023) को यह जानकारी संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य की ओर से दी गई। हरियाणा के समालखा में पत्रकारों को संघ की वार्षिक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन-दिवसीय बैठक के पहले दिन उन्होंने बताया- आरएसएस की सालाना प्रतिनिधि सभा की मीटिंग में संगठन के सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के बारे में चर्चा होगी।
वैद्य ने कहा कि आरएसएस देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर एक प्रस्ताव पारित करेगा। हमारी ओर से इसमें आत्मनिर्भरता पर जोर दिया जाएगा। संघ के संगठनात्मक विस्तार का खाका प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि देशभर में संघ की शाखाओं की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है। बकौल वैद्य, ‘‘अगले एक साल में संघ का शताब्दी वर्ष शुरू होने के मद्देनजर हमने दैनिक शाखाओं की संख्या बढ़ाकर एक लाख करने का लक्ष्य रखा है।’’
उन्होंने आगे बताया कि अभी देशभर में संघ की 68,651 शाखाएं हैं, जिनमें 60 प्रतिशत विद्यार्थी शाखा, 10 प्रतिशत प्रौढ़ शाखा और 30 प्रतिशत कामकाजी लोगों की शाखाएं हैं। 2020 की तुलना में संघ की शाखाएं 3700 स्थानों पर बढ़ी हैं। आने वाले समय में 109 शिक्षा वर्ग आयोजित होंगे। बीस दिनों के ऐसे वर्ग में युवा अपने काम से छुट्टी लेकर अपने खर्च पर शामिल होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि इसमें 20 हजार युवा शामिल होंगे।’’
आरएसएस में महिलाओं की सहभागिता के बारे में हुए सवाल पर वह बोले कि महिलाओं के लिए संघ की एक समर्पित शाखा है, जिसे राष्ट्र सेविका समिति के नाम से जाना जाता है, जो महिलाओं के सर्वांगीण विकास को लेकर काम करती है। वैद्य के मुताबिक, ‘‘सामाजिक जागरूकता, जन जागरण और सामाजिक बदलाव से जुड़े कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के बारे में बैठक के दौरान चर्चा की जाएगी।’’
वहीं, संघ के विस्तार के कार्य के बारे में उन्होंने कहा कि शताब्दी विस्तारक कार्यक्रम के तहत अब तक 1300 विस्तारक शामिल हुए हैं और आने वाले समय में 1500 और विस्तारकों के शामिल होने की संभावना है। ‘ज्वायन आरएसएस’ का जिक्र करते हुए वैद्य ने कहा कि वर्ष 2017 से 2022 तक संघ की वेबसाइट के माध्यम से संगठन से जुड़ने के लिए 7.25 लाख, यानी प्रतिवर्ष औसतन 1.20 लाख आग्रह प्राप्त हुए हैं, जिनमें 70% युवा संघ के समाज सेवा कार्य से जुड़ना चाहते हैं।
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