Rashtravad: हिंदू आबादी घटी तो हिंदुस्तान के लिए होगा खतरा? जानिए रिजवान अहमद के जवाब

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कुछ दिनों पहले कहा था कि जनसंख्या असंतुलन से देश में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। कई देशों में इसके कारण विभाजन हो चुका है। इस दौरान संघ प्रमुख ने जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की वकालत की थी। जिसे लेकर कुछ मुस्लिम नेता नाराज हो गए थे।

प्रतीकात्मक तस्वीर (pixabay)

देश की आबादी में वृद्धि को लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं, साथ ही मांग उठ रही है कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून लेकर आए। हालांकि इस मांग पर ओवैसी समेत कई मुस्लिम नेता अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आबादी वृद्धि के साथ-साथ जनसंख्या असंतुलन का मुद्दा भी उठाया था। संघ प्रमुख ने कहा था कि जनसंख्या असंतुलन ने देश में विभाजन जैसी समस्या खड़ी हो जाती है। उन्होंने इसके कुछ उदाहरण भी दिए थे।

संघ प्रमुख के इस बयान पर असदुद्दीन ओवैसी समेत कई मुस्लिम नेताओं ने पलटवार किया था। इस मामले को लेकर अभी भी चर्चाएं गर्म हैं। इसी को लेकर टाइम्स नाउ नवभारत के राष्ट्रवाद शो में जब सुशांत सिंहा ने पैनलिस्टों से सवाल किए तो कुछ इसके पक्ष में दिखे तो कुछ विपक्ष में।वकील रिजवान अहमद ने कहा कि 1992 में फर्टिलिटी रेट में 3.2 हिंदू भाई थे, 4.4 मुस्लिम भाई थे। तो अगर इसको आसान भाषा में देखें तो सुनने में ये बिलकुल सही दिखता है, लेकिन जब फीसदी में देखते हैं तो यह 25 प्रतिशत ज्यादा निकलकर आता है। ये 1992 में था, आज ये दर गिरी है, लेकिन फिर भी मुस्लिमों की दर सबसे ज्यादा है।

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