Uttarakhand Tunnel: दिखने लगा रैट माइनर्स का कमाल, 1.6 मीटर तक पहुंची मैन्युअल ड्रिलिंग, वर्टिकल से भी रेस्क्यू का प्रयास जारी
Uttarakhand Tunnel: उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खैरवाल ने कहा कि 24 रैट माइनर मैनुअल मलबा हटाने के लिए 24 घंटे काम करेंगे। तीन शिफ्ट में काम होगा।
उत्तराखंड की सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मैन्यूअल ड्रिलिंग शुरू
Uttarakhand Tunnel: उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकाले के लिए अब मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू हो गई है। रैट माइनर्स लगातार हाथ से सुरंग में खुदाई करने में जुटे हैं। इनकी मदद में सेना भी लगी हुई है। ताजा जानकारी के अनुसार अबतर 1.6 मीटर तक की खुदाई हो गई है।
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तीन शिफ्ट में काम
उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खैरवाल ने कहा कि 24 रैट माइनर 24 घंटे काम करेंगे। तीन शिफ्ट में काम होगा। हालांकि, अधिकारियों ने बचाव के लिए कोई समय सीमा बताने से इनकार कर दिया। मैनुअल ड्रिलिंग एक धीमी और काफी मेहनत की प्रक्रिया है जिसमें रैट माइनर्स 800 मिमी पाइप के माध्यम से जाएंगे, मैन्युअल रूप से ड्रिल करेंगे और फावड़े द्वारा मलबे को बाहर लाएंगे।
10 से 12 मीटर की दूरी बाकी
यह पूछे जाने पर कि क्या 800 मिमी व्यास वाले पाइपों से गुजरना उनके लिए मुश्किल होगा, एक अधिकारी ने कहा कि उनके पास 600 मिमी व्यास वाले पाइपों में काम करने का अनुभव है। अधिकारियों ने कहा कि श्रमिकों को हेलमेट, वर्दी, मास्क और चश्मा प्रदान किया जाएगा। अधिकारियों ने संकेत दिया कि फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए 10 से 12 मीटर की दूरी बची है और मशीन से ड्रिलिंग के विकल्प समाप्त हो गए हैं, इसलिए मैन्युअल ड्रिलिंग ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता प्रतीत होता है।
वर्टिकल ड्रिलिंग का हाल
सुरंग बना रही राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने बताया कि सतलुज जलविद्युत निगम द्वारा सुरंग के शीर्ष से की जा रही वर्टिकल ड्रिलिंग का काम बहुत अच्छे से चल रहा है और अब तक 36 मीटर ड्रिलिंग हो चुकी है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर तक ड्रिलिंग की जानी है और अब 50 मीटर ड्रिलिंग शेष रह गयी है। एक अधिकारी ने बताया कि इसके तहत 1.2 मीटर व्यास के पाइपों को लंबवत तरीके से सुरंग के शीर्ष से नीचे की ओर डाला जाएगा ।
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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