Chandrayaan-3: रोवर-लैंडर पर आया ताजा अपडेट, साइंटिस्ट ने बताया कब 'नींद से जगेंगे' प्रज्ञान और विक्रम
Chandrayaan-3 New Update: स्पेस अप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को अब एक दिन बाद सक्रिय किया है। उन्होंने बताया कि कुछ तकनीकी चीजों को ध्यान में रखते हुए तारीख में बदलाव हुआ है। पहले के तय कार्यक्रम के अनुसार चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर को गुरुवार शाम एक्टिव मोड में लाने की योजना थी।

साइंटिस्ट ने बताया कब नींद से जगेंगे प्रज्ञान और विक्रम।
Chandrayaan-3 New Update: चंद्रयान-3 पर ताजा अपडेट आया है। स्पेस अप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने शुक्रवार को बताया कि लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को अब एक दिन बाद सक्रिय किया है। उन्होंने बताया कि कुछ तकनीकी चीजों को ध्यान में रखते हुए तारीख में बदलाव हुआ है। पहले के तय कार्यक्रम के अनुसार चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर को गुरुवार शाम एक्टिव मोड में लाने की योजना थी।
तकनीकी वजहों से योजना में बदलावउन्होंने कहा, 'पहले हमने 22 सितंबर की शाम को लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को एक्टिव मोड में लाने की योजना बनाई थी लेकिन कुछ तकनीकी वजहों की वजह से हम इसे कल यानी 23 सितंबर की शाम सक्रिय करेंगे। लैंडर एवं रोवर को निष्क्रिय मोड से निकालकर दोबारा री-एक्टिवेट करने की हमारे पास एक योजना है। रोवर को करीब 300-500 मीटर से आगे ले जाने की हमारे पास योजना थी लेकिन कुछ कारणों से रोवर वहां 105 मीटर आगे बढ़ गया है।'
'रोवर-लैंडर का दोबारा काम करना वरदान होगा'
भुवनेश्वर के पठानी समंता प्लेनेटेरियम के डिप्टी डाइरेक्टर पद से हाल ही में रिटायर होने वाले पटनायक ने गुरुवार को कहा, 'तापमान के इतने उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरने के बाद कुछ इलेक्ट्रानिक उपकरणों के दोबारा काम करने बहुत मुश्किल है। इसे देखते हुए यह मानकर चला गया कि 14 दिनों के लैंडर और रोवर काम नहीं कर पाएंगे। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ये फिर से काम करेंगे। यदि ऐसा होता है तो यह हम लोगों के लिए एक वरदान से कम नहीं होगा क्योंकि लैंडर एवं रोवर अपने परीक्षणों एवं जांच को फिर से दोहराएंगे।'
लैंडर-रोवर को फिर से सक्रिय करने के होंगे प्रयास
बता दें कि भारत का चंद्रयान-3 गत 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से के करीब सफलतापूर्वक उतरा। इसके अगले 14 दिनों तक इसने चंद्रमा की सतह एवं वायुमंडल की जांच करते हुए डाटा भेजे। चंद्रमा पर रात होने से पहले, लैंडर और रोवर दोनों क्रमशः चार और दो सितंबर को सुप्तावस्था या निष्क्रय अवस्था (स्लीप मोड) में चले गए। इसरो यदि चंद्रमा पर सूर्योदय होते ही लैंडर और रोवर को फिर से सक्रिय कर देता है तो चंद्रयान-3 के पेलोड द्वारा एक बार फिर से प्रयोग किए जा सकेंगे। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र, जहां लैंडर और रोवर दोनों स्थित हैं, पर सूर्य की रोशनी फिर से आने और उनके सौर पैनल के जल्द ही चार्ज होने की उम्मीद है। इसरो अब लैंडर और रोवर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने और इन्हें सक्रिय करने का प्रयास कर रहा है।
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