पालघर लिंचिंग केस CBI को सौंपने को तैयार, महाराष्ट्र सरकार का SC में जवाब

साल 2020 में महाराष्ट्र के पालधर में दो साधुओं की पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी। उस समय उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महाविकास अघाड़ी की सरकार थी। संत समाज ने तत्कालीन सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।

पालघर केस में सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार का हलफनामा

मुख्य बातें
  • 2020 में दो साधुओं की हुई थी हत्या
  • बच्चा चोर गैंग का था अफवाह
  • उद्धव ठाकरे की थी सरकार

महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसे 2020 के पालघर लिंचिंग मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने में कोई आपत्ति नहीं है। अप्रैल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर में एक उन्मादी भीड़ द्वारा दो हिंदू संतों की हत्या कर दी गई थी, जिसने तत्कालीन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश पैदा कर दिया था। बता दें कि इस विषय पर जमकर सियासत हुई थी। बीजेपी ने उद्धव सरकार पर आरोप लगाया था कि एनसीपी और कांग्रेस के दबाव की वजह से वो केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने से कतरा रहे है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच कराई जानी चाहिए ताकि सच सामने आए।

संबंधित खबरें

शिंदे सरकार का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा

संबंधित खबरें

एक हलफनामे में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह सीबीआई को जांच सौंपने के लिए तैयार है और उसे इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी।दो साधुओं - चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी, 70, और सुशीलगिरी महाराज, 35, - और उनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े, 30, को 16 अप्रैल, 2020 को मुंबई से 140 किमी उत्तर में पालघर जिले के गडचिंचले में भीड़ ने भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाला। अफवाह थी कि बच्चा चोर कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान क्षेत्र में थे।

संबंधित खबरें
End Of Feed