पंजाब में टूटा पराली जलाने का रिकॉर्ड, इस सीजन में पहली बार 2000 से ऊपर पहुंचा आंकड़ा
पंजाब में इस साल पराली जलाने का रिकॉर्ड टूट गया। इस सीजन में पहली बार पराली जलाने का आंकड़ा दो हजार के पार पहुंच गया है। 28 अक्टूबर 2022 को पंजाब में 2067 जगह पराली जलाई गई।
पंजाब में पराली जलाने का रिकॉर्ड टूटा
पंजाब में इस साल 28 अक्टूबर 2022 को पराली जलाने का रिकॉर्ड टूट गया। इस सीजन में पहली बार पराली जलाने का आंकड़ा 2000 से ऊपर पहुंच गया है। 28 अक्टूबर को पंजाब में 2067 जगह पराली जलाई गई।
पंजाब में पराली जलाने का रिकॉर्ड टूटा
तस्वीर साभार : Times Now Digital
पंजाब में 15 सितंबर से 27 अक्टूबर की अवधि के बीच पराली जलाने की कुल 8,147 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जो पिछले साल इसी अवधि में दर्ज की गई संख्या से 20 प्रतिशत अधिक है। गुरुवार को पराली जलाने की 1,111 घटनाएं हुईं, जिनमें तरनतारन, संगरूर और पटियाला में 40 प्रतिशत घटनाएं दर्ज की गई। लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीआरएसएस) के अनुसार, 15 सितंबर से 27 अक्टूबर की अवधि में पंजाब में पराली जलाने की 8,147 घटनाएं हुई हैं। केंद्र द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2021 में इसी अवधि के दौरान पराली जलाने की कुल कुल 6,742 घटनाएं हुईं थीं। पिछले 7 दिनों में ऐसी करीब 67 प्रतिशत घटनाएं हुईं।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने गुरुवार को कहा था कि इस साल 15 सितंबर से 26 अक्टूबर तक पंजाब में 2021 की इसी अवधि की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 09% की वृद्धि हुई। जो चिंता का विषय है। उसने कहा कि लेकिन हरियाणा में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में 26% की गिरावट आई है। CAQM ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के मद्देनजर आयोग ने पराली प्रबंधन की रणनीति समेत कार्ययोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पंजाब सरकार के सामने यह विषय उठाया।
उसने एक बयान में कहा कि CAQM के लिए इसरो द्वारा विकसित मानक नियम के मुताबिक 15 सितंबर से 26 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की 7,036 घटनाएं सामने आई जबकि पिछले साल इस अवधि में ऐसी 6,463 घटनाएं हुई थीं। यानी ऐसी घटनाओं में करीब नौ फीसद की बड़ी वृद्धि हुई।
फसल कटाई के वर्तमान सीजन के दौरान पराली जलाने के 70 प्रतिशत मामले केवल 6 जिलों-अमृतसर, फिरोजपुर, गुरदासपुर, कपूरथला, पटियाला एवं तरनतारन से सामने आए हैं यानी पंजाब की ऐसी कुल 7,036 घटनाओं में 4,899 इन जिलों की थीं। सीएक्यूएम ने कहा कि पिछले साल भी इस अवधि के दौरान पराली जलाने की करीब 65% घटनाएं इन्हीं पारंपरिक 6 मुख्य जिलों से सामने आई थीं।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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