राहत भरी खबर, फिलहाल XBB.1.16 कोरोना वैरिएंट के गंभीर होने के सबूत नहीं

coronavirus cases in India: देश में इस समय कोरोना के वैरिएंट XBB.1.16 की चर्चा हो रही है। केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शिथिल होने की जरूरत नहीं है। इन सबके बीच जानकारों का कहना है कि अभी इस तरह के साक्ष्य नहीं मिले हैं जिसके आधार पर इसे गंभीर माना जाए।

coronavirus bf.7 variant

कोरोना का नया वैरिएंट xbb.1.16

मुख्य बातें
  • कोरोना के नए वैरिएंट XBB.1.16 पर चर्चा
  • मामलों में इजाफा लेकिन घबराने वाली बात नही
  • सावधानी बरतने की सलाह

coronavirus cases in India: क्या कोरोना का नया वैरिएंट XBB.1.16 खतरनाक है। क्या इसकी वजह से 2022 जैसी हालात का सामना करना पड़ सकता है। ये दो ऐसे सवाल हैं जो हर किसी के जेहन में है। अगर देश में कोरोना के केस को देखें तो आंकड़े बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि गो दज की दूरी, मॉस्क के इस्तेमाल से लोग परहेज ना करें। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल किया जाएगा। डॉक्टर्स भी सलाह दे रहे हैं कि कोई भी मरीज अपने मन से एंटीबॉयटिक्स का इस्तेमाल ना करे। इन सबके बीच XBB.1.16 की संक्रामक दर और खतरे को लेकर जानकारों की राय अलग अलग है। कुछ जानकारों के मुताबिक संख्याएं अपने आप में खतरनाक नहीं हैं, फ्लू वायरस के कारण अधिक लोग स्वयं का परीक्षण कर रहे हैं, और उनमें से कुछ कोविड-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण कर रहे हैं।

क्या कहते हैं जानकार

जानकारों के मुताबिक मामले थोड़े बढ़ रहे हैं। लेकिन अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु में वृद्धि का कोई सबूत नहीं है जो आमतौर पर चिंता का कारण है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह बीमारी संभावित रूप से स्थानिक बनने की ओर बढ़ रही है।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आठ राज्यों में पॉजिटिविटी रेट का आंकड़ा कुछ इस तरह है।

  • हिमाचल प्रदेश (7.1%)
  • महाराष्ट्र 4.49%
  • केरल 4.17%
  • दिल्ली (3.76%),
  • कर्नाटक (3.08%),
  • तमिलनाडु (2.26%),
  • गुजरात 2%
  • राजस्थान (1.43%)

इसलिए चिंता की बात नहीं

इन राज्यों में पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी का ट्रेंड है जिससे इस संख्या का समग्र औसत 1.08% हो गया है। फरवरी में देश का औसत साप्ताहिक केस पॉजिटिविटी 0.09% थी।एम्स-दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, जब तक कि यह गंभीर बीमारी न बन जाए। जब तक वे गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती और मृत्यु का कारण नहीं बनते हैं यह ठीक है क्योंकि यह लोगों को हल्की बीमारी होने पर कुछ हद तक प्रतिरक्षा देने में मदद करता है।1 जनवरी से 23 मार्च के बीच अनुक्रमित सभी कोविड पॉज़िटिव नमूनों में से 344 का परीक्षण XBB.1.16 के लिए पॉज़िटिव आया, इसके बाद XBB.1.5 के 196 पॉज़िटिव नमूने और XBB.2.3 सब-वैरिएंट के 146 सैंपल पाए गए।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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