शौर्य सम्मान! असाधारण साहस पराक्रम से दुश्मनों के दांत किए 'खट्टे', देश के लिए जान की बाजी लगाने वाले जाबाजों को वीरता सम्मान; देखें पूरी लिस्ट
Armed Forces Gallantry Awards: 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 मरणोपरांत सहित 93 सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को वीरता पुरस्कारों का ऐलान किया है। सभी नामों कि लिस्ट नीचे संकलित की गई है।
राष्ट्रपति सेना सम्मान 2025
Armed Forces Gallantry Awards 2025: 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 मरणोपरांत सहित 93 सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को वीरता पुरस्कारों का ऐलान किया है। स्वीकृत किए गए पुरस्कारों में दो कीर्ति चक्र, जिनमें एक मरणोपरांत शामिल है। 14 शौर्य चक्र, जिनमें तीन मरणोपरांत शामिल हैं। वहीं, एक सेना पदक (वीरता) के लिए। सात मरणोपरांत सहित 66 सेना पदक देने का ऐलान किया गया है। दो नौसेना पदक (वीरता) और आठ वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं। राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों और अन्य कर्मियों के लिए 305 रक्षा अलंकरणों को भी मंजूरी दी। इनमें 30 परम विशिष्ट सेवा पदक, पांच उत्तम युद्ध सेवा पदक, 57 अति विशिष्ट सेवा पदक, 10 युद्ध सेवा पदक, एक सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण) 15 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण); चार बार विशिष्ट सेवा पदक और 132 विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं। इस आर्टिकल में हम कुछ नामों का जिक्र कर रहे हैं।
कैप्टन अंकित राज सिंह को शौर्य सम्मान
असाधारण साहस और वीरता के अपने निस्वार्थ कार्य के लिए ग्रुप कैप्टन अंकित राज सिंह को राष्ट्रपति द्वारा 'वायु सेना पदक' (शौर्य) से सम्मानित किया गया है। अधिकारी ने 9 अप्रैल 2024 को एक घायल सैनिक, जिसका हाथ कट गया था, उसकी कैजुअल्टी निकासी को प्राथमिकता दी। इसके लिए अमावस्या की रात के अंधेरे में, अपनी सुरक्षा और उपकरणों के लिए गहन जोखिमों का सामना करते हुए, उत्तरी फॉर्वर्ड एरिया एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) में एक मिशन को उड़ाकर वीरता का प्रदर्शन किया।
घायल सिपाही को ऐसे बचाया
इस दौरान उन्होंने दुर्गम इलाकों, सीमित रोशनी की दशा में और घायल सिपाही के कटे हुए हाथ को बचाने के लिए कम समय-सीमा में नेविगेट करने सहित अपार चुनौतियों का सामना किया। अधिकारी की अमावस्या के अंधेरे में, पहाड़ियों में एक अग्रिम अड्डे तक पहली बार परिवहन विमान मिशन की योजना बनाने की साहसिक पहल विशेष रूप से उल्लेखनीय थी। मिशन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण त्वरित लॉन्च सुनिश्चित करते हुए, उन्होंने अत्यधिक सुरक्षा के साथ कैजुअल्टी निकासी को अंजाम दिया, जिसने घायल सिपाही के अंग को बचाया।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट तरुण नायर को शौर्य सम्मान
उच्च स्तर की व्यावसायिकता और एयरोस्पेस सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति ने फ्लाइट लेफ्टिनेंट तरुण नायर को 'वायु सेना पदक' (शौर्य) से सम्मानित किया है। 12 मार्च 2024 को, फ्लाइट लेफ्टिनेंट तरुण नायर ने मिग-29 विमान में उड़ान भरी। उड़ान भरने के तुरंत बाद मुड़ते समय, 1.3 किमी की कम ऊंचाई पर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट नायर को कई फेल्योर के संकेत मिले। जैसे ही पायलट आपातकालीन कार्रवाई करने की प्रक्रिया में था, स्थिति तेजी से बिगड़ गई, कंट्रोल स्टिक अपने एकदम बाईं और पीछे की स्थिति में चली गई। डिस्प्ले के साथ ही संबंधित ऑडियो और दृश्य चेतावनी भी आ रही थी।
स्थिति बेहद असामान्य थी, पायलट ने कार्रवाई की, हालांकि स्थिति में सुधार नहीं हुआ। इन परिस्थितियों में लैंडिंग अप्रोच प्रबंधन अनिश्चित था। पायलट ने अपना धैर्य बनाए रखा और एक त्रुटिहीन अप्रोच के साथ लैंडिंग की। उन्होंने भारतीय वायुसेना की एक बहुमूल्य युद्ध संपत्ति को नुकसान होने से बचाया और एक संभावित दुर्घटना को टाल दिया, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक जीवन और संपत्ति का नुकसान हो सकता था।
स्क्वाड्रन लीडर पीडी डोंगरे को वीरता पुरस्कार
वहीं, स्क्वाड्रन लीडर पीडी डोंगरे को उनके असाधारण साहस, निर्णय लेने की क्षमता और पुराने मिग-21 बाइसन विमान के कुशल संचालन के लिए 'वायु सेना पदक' (वीरता) से सम्मानित किया गया है। डोंगरे को 10 मई, 2024 को एक ऑपरेशन के लिए बाइसन विमान उड़ाने के लिए अधिकृत किया गया था। रनवे की मरम्मत के कारण समानांतर टैक्सी ट्रैक से उड़ान भरने की योजना बनाई गई थी। उड़ान भरने के तुरंत बाद पायलट को 'मेन हाइड्रोलिक विफलता' का अनुभव हुआ। उपलब्ध इंजन शक्ति कम हो गई।
इसी बीच, रनवे को साफ कर दिया गया और लैंडिंग के लिए उपलब्ध कराया गया, लेकिन चल रही मरम्मत के कारण सेंटर लाइन के दोनों ओर केवल चार मीटर की चौड़ाई थी। पायलट ने बेहद कुशल तरीके से आपात स्थिति को संभाला और सुरक्षित भारी वजन वाली फ्लैपलेस लैंडिंग को अंजाम दिया।
मेजर मंजीत को कीर्ति चक्र
पंजाब रेजिमेंट के मेजर मंजीत को अप्रैल 2024 में जम्मू-कश्मीर के सोपोर जिले में एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन के दौरान एक आतंकवादी को खत्म करने और फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
नायक दिलवर खान कीर्ति चक्र से सम्मानित
भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट के नायक दिलवर खान को पिछले साल जुलाई में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोगान इलाके में एक ऑपरेशन के दौरान वीरता के अनुकरणीय कार्य के दौरान एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
कैप्टन दीपक सिंह चक्र से सम्मानित
भारतीय सेना के सिग्नल कोर के कैप्टन दीपक सिंह को एक ऑपरेशन में आतंकवादी को मारने के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया, जिसमें हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया था।
विक्की पहाड़े को वायु सेना पदक
जीवन खतरे में होने के दौरान भी असाधारण साहस का प्रदर्शन करने के लिए भारतीय वायुसेना के कॉर्पोरल विक्की पहाड़े (संचार तकनीशियन) को मरणोपरांत वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है। जम्मू-कश्मीर में बीते वर्ष आतंकवादियों द्वारा उनके वाहन पर घात लगाकर हमला किया गया। हमले के समय वह वाहन की अगली सीट पर थे। आगे की सीट पर होने के कारण, दो तरफ से भारी गोलीबारी होने से उनके सिर, गर्दन और छाती में गोली लगी। हालांकि, अपनी परवाह किए बिना उन्होंने अपने संयम, स्थितिजन्य चेतना को बनाए रखा और आतंकवादियों में से एक पर जवाबी गोलीबारी की। यह वह आतंकवादी था, जो सामने से उनके वाहन पर गोलीबारी कर रहा था।
विक्की की जवाबी गोलीबारी के कारण आतंकवादी को छिपना पड़ा, जिससे पीछे बैठे सशस्त्र वायु योद्धा समन्वित रूप से आतंकवादियों पर गोलियां चला सके। कॉर्पोरल विक्की पहाड़े की इस बहादुरी के कारण बाकी वायु सैनिकों को आतंकवादियों पर जवाबी गोलीबारी करने का अवसर मिला, जिससे उनकी टीम के सदस्यों की कीमती जिंदगी बची। हालांकि, कॉर्पोरल विक्की पहाड़े ने बाद में कमांड अस्पताल उधमपुर में दम तोड़ दिया।
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