Chhattisgarh में आरक्षण पर नया विधेयक पास; जानिए अब किस समुदाय को मिलेगा कितना रिजर्वेशन
Reservation Amendment Bill: छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक और शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक पारित हुआ है
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
दो विधेयक हुए पारित
शुक्रवार को सदन में छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 और छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 के दो विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गए। भूपेश बघेल ने कहा कि मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण) 1994 को छत्तीसगढ़ राज्य में अपनाया गया था और लंबे समय के बाद, यह केवल 2011-12 में ही लागू हुआ था। फिर जागी तत्कालीन राज्य सरकार को जो लोग अब विपक्ष में हैं और वे हमसे सवाल कर रहे हैं, लेकिन 2004 से 2012 तक लंबे समय तक जब एससी, एसटी और ओबीसी के लोग परेशान थे, तो उन्होंने इस मुद्दे पर ध्यान क्यों नहीं दिया?आज जब हमारा सरकार संशोधन विधेयक के माध्यम से इन वर्गों के लिए प्रावधान लाई है, तो वे न तो आरक्षण की आवश्यकता पर चर्चा कर रहे हैं और न ही छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों पर चर्चा कर रहे हैं।
दिया रिपोर्ट का हवाला
बघेल ने कहा कि तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन सरकार द्वारा सर्जियस मिंज कमेटी की रिपोर्ट पेश ही नहीं की गई थी। सरगियस मिंज कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दूसरे राज्यों में आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा है और छत्तीसगढ़ में इसे बढ़ाया जा सकता है, यह रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में पेश नहीं की गई। इंदिरा साहनी प्रकरण का भी हवाला दिया गया था, उस कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकारें अपने राज्यों की परिस्थितियों के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने का निर्णय लेंगी।
सीएम बघेल ने कही बड़ी बात
बघेल ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 12 प्रतिशत से कुछ अधिक थी। हमने उनके लिए 13 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है। यदि आगामी जनगणना में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 16 प्रतिशत आती है तो हम 16 प्रतिशत आरक्षण देंगे, जैसा कि लोग मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को उनके हिस्से की आबादी के हिसाब से आरक्षण देने का प्रावधान है। बघेल ने कहा कि आरक्षण की स्थिति में जिला एवं संभाग संवर्ग में भी रोस्टर निश्चित रूप से लागू किया जायेगा। जिन स्थानों पर सामान्य वर्ग की जनसंख्या अधिक है, वहां संभाग/जिला संवर्ग में जनसंख्या के अनुपात में ईडब्ल्यूएस को अधिकतम 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।
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