21 रिटायर्ड जजों ने CJI चंद्रचूड़ को लिखा पत्र, कहा- 'न्यायपालिका को अनावश्यक दबाव से बचाने की आवश्यकता'

Chief Justice of India: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि ये आलोचक संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित हैं व न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में न्यायपालिका को अनावश्यक दबाव से बचाने की आवश्यकता है।

CJI DY Chandrachud

सीजेआई चंद्रचूड़

Chief Justice of India: सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के 21 रिटायर्ड जजों ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। इस पत्र में सेवानितृत्त न्यायाधीशों ने न्यायपालिका को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता जाहिर की है। पत्र में कहा गया है कि कुछ गुट सोचे समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक रूप से अपमान के जरिए न्यायपालिका को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।

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इस पत्र में कहा गया है कि ये आलोचक संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित हैं व न्यायिक प्रणाली में जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। बहरहाल, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने यह नहीं बताया कि उन्होंने किन घटनाओं को लेकर सीजेआई को यह पत्र लिखा है। इनमें उच्चतम न्यायालय के चार सेवानिवृत्त न्यायाधीश भी शामिल हैं।

न्यायपालिका को अनावश्यक दबाव से बचाने की आवश्यकता

न्यायपालिका को अनावश्यक दबाव से बचाने की आवश्यकता शीर्षक वाले इस पत्र में लिखा है कि इस तरह की कार्रवाईयां न केवल हमारी न्यायपालिका की पवित्रता का अपमान करती हैं, बल्कि न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों के लिए सीधी चुनौती भी पेश करती हैं, जिन्हें कानून के संरक्षक के रूप में न्यायाधीशों ने बनाए रखने की शपथ ली है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के नेतृत्व वाली न्यायपालिका से ऐसे दबावों के खिलाफ मजबूत होने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कानूनी प्रणाली की पवित्रता और स्वायत्तता सुरक्षित रहे।

बीजेपी व विपक्ष के घमासान के बीच लिखा गया पत्र

यह पत्र भ्रष्टाचार के मामलों में कुछ विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों में वाकयुद्ध के बीच लिखा गया है। न्यायमूर्तियों (सेवानिवृत्त) दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश माहेश्वरी और एम आर शाह समेत सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने आलोचकों पर अदालतों और न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठाकर न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के स्पष्ट प्रयासों के साथ कपटपूर्ण तरीके अपनाने का आरोप लगाया है।

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