RG Kar Rape Murder Case: मामले में नया मोड़, पीड़िता के घरवालों की हाईकोर्ट से गुहार- 'संजय रॉय को फांसी मत दो'

आरजी कर बलात्कार-हत्या पीड़िता के माता-पिता ने दोषी संजय रॉय की मृत्युदंड की सजा का विरोध किया। उनके वकील ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दी, जिसने पश्चिम बंगाल सरकार और सीबीआई की मृत्युदंड की मांग वाली अपीलों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

RG kar sanjay roy

दोषी संजय रॉय की मृत्युदंड की सजा का विरोध

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार 31 वर्षीय डॉक्टर के माता-पिता ने कहा है कि वे इस अपराध के दोषी संजय रॉय के लिए मृत्युदंड की मांग नहीं करते हैं। उनकी वकील गार्गी गोस्वामी ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कलकत्ता उच्च न्यायालय को उनके रुख से अवगत कराया। अदालत में पीड़ित परिवार का प्रतिनिधित्व करते हुए गोस्वामी ने कहा, 'सिर्फ इसलिए कि उनकी बेटी ने अपनी जान गंवा दी है, इसका मतलब यह नहीं है कि दोषी को भी अपनी जान गंवानी पड़ेगी।'

उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर अपीलों की प्रारंभिक सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। दोनों ने दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा देने के सियालदह सत्र न्यायालय के फैसले को चुनौती दी है और मृत्युदंड की मांग की है।

धारा 377 में संशोधन का उदाहरण दिया

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने दलील दी कि ट्रायल कोर्ट का फैसला अपर्याप्त था। दत्ता ने ऐसे कानून का हवाला दिया जो राज्य सरकारों को उन मामलों में सजा के विरुद्ध अपील करने की अनुमति देता है जहां सजा अपर्याप्त मानी जाती है। उन्होंने धारा 377 में संशोधन का उदाहरण दिया, जिसमें ऐसे अधिकारों का विस्तृत विवरण दिया गया था।

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दत्ता ने अदालत में कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय ने पहले कहा था कि ऐसे मामलों में केवल केंद्र सरकार ही अपील कर सकती है, लेकिन एक संशोधन में स्पष्ट किया गया है कि राज्य भी कड़ी सजा की मांग कर सकते हैं।' उन्होंने इस मामले में राज्य का प्रतिनिधित्व मजबूत करने के लिए एक सरकारी अभियोजक की नियुक्ति का भी अनुरोध किया।

संघीय ढांचे के तहत राज्य के अपील करने के अधिकार को स्वीकार किया

मामले की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति देबांगसू बसाक ने संघीय ढांचे के तहत राज्य के अपील करने के अधिकार को स्वीकार किया, लेकिन केंद्र सरकार की भूमिका के साथ इसमें संतुलन बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। न्यायाधीश ने कहा कि राज्य और सीबीआई की अपील का एक ही उद्देश्य था - दोषी के लिए अधिक कठोर सजा की मांग करना।

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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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