रुला देगी राइफलमैन रवि कुमार की कहानी! शादी की तैयारी कर रहे थे सेना के शहीद, पर कुछ और ही था नसीब
दरअसल, सेना की 63 राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन राणा ने मंगलवार को राजौरी जिले के सुदूर नारला गांव में एक मुठभेड़ के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया। बुधवार तक चली इस मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए और सेना के श्वान दल की छह वर्षीय मादा लैब्राडोर केंट भी जान गंवा बैठी थी।

रवि कुमार राणा 26 साल के थे। (फाइल)
जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकियों से लोहा लेकर शहीद हो जाने वाले सेना के राइफलमैन रवि कुमार राणा की कहानी रुला देने वाली है। 26 बरस के बहादुर जवान इसी साल दिसंबर में शादी रचाने के लिए तैयारी कर रहे थे। हालांकि, उनके साथ किस्मत बड़ी क्रूर रही। यही वजह है कि उनके नसीब में कुछ और ही बदा था। राणा की शहादत के बाद उनके परिवार और मंगेतर बेहद गमजदा हैं और फिलहाल उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे।
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गुरुवार (14 सितंबर, 2023) को राणा का पार्थिव शरीर सेना के वाहन से गृह नगर किश्तवाड़ लाया गया, जहां हजारों लोग उन्हें अंतिम विदाई देने उमड़े। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई। साथ ही बंदूक की सलामी भी दी गई। किश्तवाड़ के उपायुक्त देवांश यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खलील पोसवाल और कई नेताओं ने भी राइफलमैन राणा को अंतिम विदाई दी।
इस बीच, किश्तवाड़ शहर से 15 किलोमीटर दूर पर्वतीय इलाके वासनोटी-गलीगढ़ में राणा के घर पर नजारा बड़ा मार्मिक था और उनकी मंगेतर भी फूट-फूटकर रोती दिखाई दीं। समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से बातचीत के दौरान उनकी मंगेतर ने बताया, ‘‘मैंने कभी सोचा नहीं था कि किस्मत इस मोड़ पर लाकर खड़ा करेगी जो मेरी जिंदगी तबाह कर देगी...अगर मुझे पता होता कि ऐसा कुछ होगा तो मैं एक बार उनसे मिलती और उनसे बात करती लेकिन अपने परिवार की इज्जत की खातिर ऐसा नहीं कर पाई।’’
वहीं, शहीद के रिश्तेदार राजेंद्र सिंह सेन ने एजेंसी से कहा, ‘‘उनकी (राणा) शादी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थी। फिर हमने उनकी शहादत की खबर सुनी, जिससे हम सभी टूट गए हैं। राणा ने इस साल अपना 26वां जन्मदिन मनाया था और दो दिसंबर को उनकी शादी होनी थी।" सेन ने आगे बताया, ‘‘उनके पिता सुभाष चंदर राणा एक किसान हैं और उनके चार बेटे हैं। उनका बड़ा भाई भी सेना में है और पंजाब में तैनात है। राणा करीब आठ साल पहले सेना में भर्ती हुआ था और वह बहादुर था। आप देख सकते हैं कि जांबाज सैनिक की मौत से सभी की आंखें नम हैं।’’
दरअसल, सेना की 63 राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन राणा ने मंगलवार को राजौरी जिले के सुदूर नारला गांव में एक मुठभेड़ के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया। बुधवार तक चली इस मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए और सेना के श्वान दल की छह वर्षीय मादा लैब्राडोर केंट भी जान गंवा बैठी थी।
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