अपने 86वें अधिवेशन में लोकसभा चुनाव के लिए रोडमैप बनाएगी कांग्रेस, CWC चुनाव पर संशय

Congress Plenary Session : सोनिया गांधी की करीबी अम्बिका सोनी की अध्यक्षता में कंस्टीटूशन अमेंडमेंट कमिटी बनाई गई है। इस कमेटी का काम कांग्रेस संगठन के संविधान में बदलाव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को सुझाव देना है। सूत्रों की मानें तो पार्टी के संविधान में बदलाव करके कांग्रेस महासचिवों की संख्या निश्चित की जाएगी।

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लोकसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार करेगी कांग्रेस।

Congress Plenary Session : 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पूरी तैयारी में दिख रही है। राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' के सम्पन्न होने के बाद पार्टी 86वें अधिवेशन छत्तीसगढ़ के रायपुर में करने जा रही है। तीन दिनों तक चलने वाले इस अधिवेशन में संगठन की सर्वोच्च कमिटी (CWC) का चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस के रोडमैप और विपक्षी एकता को लेकर रणनीति पर फैसला होगा।

24-26 फरवरी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ने कांग्रेस का अधिवेशन होगा। अधिवेशन में छह प्रस्ताव पास किए जाएंगे जिसके लिए पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं की कमिटियां बनाई हैं-

  1. पॉलिटिकल अफेयर कमिटी
  2. इकोनॉमिक अफेयर
  3. इंटरनेशनल अफेयर
  4. फार्मर/एग्रीकल्चर अफेयर
  5. सोशल जस्टिस एम्पावरमेंट
  6. यूथ एजुकेशन/एम्पावरमेंट
वहीं, सोनिया गांधी की करीबी अम्बिका सोनी की अध्यक्षता में कंस्टीटूशन अमेंडमेंट कमिटी बनाई गई है। इस कमेटी का काम कांग्रेस संगठन के संविधान में बदलाव के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को सुझाव देना है। सूत्रों की मानें तो पार्टी के संविधान में बदलाव करके कांग्रेस महासचिवों की संख्या निश्चित की जाएगी। प्रभारियों को महासचिवों के साथ अटैच किया जाएगा। वहीं कांग्रेस के AICC डेलीगेट की संख्या भविष्य के लिए निश्चित की जाएगी।

अधिवेशन में CWC के चुनाव को लेकर संशय बना हुआ है। राहुल गांधी ने कई बार कांग्रेस के पोडियम से CWC के चुनाव का समर्थन किया है। सीडब्ल्यूसी चुनावों ने कांग्रेस पार्टी के भीतर सत्ता समीकरण को बिगाड़ दिया है। चुनाव एक अच्छा विचार है या नहीं, इस बारे में बहुत बात हो रही है और इस पर होने वाली खींचतान ने आंतरिक हलचल पैदा कर दी है। कुछ लोग चुनाव चाहते हैं लेकिन पार्टी के ही भीतर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो चाहते हैं कि यथास्थिति बनी रहे। जो चुनाव के पक्ष में नहीं हैं उनका तर्क है कि निर्वाचित सदस्य शायद क्षेत्रीय क्षत्रप हो सकते हैं और निर्णय लेने एवं कांग्रेस अध्यक्ष के सुचारु कामकाज में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। पृथ्वी राज चौहान, राज बब्बर, मिलिंद देवड़ा भी सीडब्ल्यूसी के चुनाव के लिए पक्ष में हैं।

CWC में आने वाले नेता

पूर्व अध्यक्ष और पूर्व पीएम को आजीवन CWC का विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया जाएगा। अगर कांग्रेस के संविधान में ये बदलाव हुआ तो राहुल गांधी आमंत्रित सदस्य होंगे।

अंबिका सोनी, भूपेंद्र हुड्डा, दिग्विजय सिंह, ओमन चांडी, पवन बंसल, सिद्धारमैया, रमेश चेनिन्थेला, तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद, शैलजा कुमारी, कमलनाथ, पृथ्वी राज चौहान और जयराम रमेश जैसे दिग्गज नेता वर्किंग कमिटी में चुने जाते हैं।

सचिन पायलट, दीपेंद्र हुड्डा, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, मिलिंद देवड़ा और भवर जितेंद्र सिंह शामिल हैं। तब प्रियंका गांधी वाड्रा वास्तव में सीडब्ल्यूसी में आने के लिए चुनावी रास्ता अपना सकती हैं। नियमों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी के सदस्यों को ही पार्टी महासचिव नियुक्त किया जा सकता है।

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रंजीता झा author

13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें

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