'दलित नहीं था रोहित वेमुला...' पुलिस की थ्योरी पर परिवार को संदेह, कोर्ट में करेगा चैलेंज

Rohith Vemula Case: रोहित वेमुला ने 2016 में आत्महत्या कर ली थी। यह मौत एक राजनीतिक मुद्दा बन गई थी। अब पुलिस ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि रोहित वेमुला दलित नहीं था और उसे डर था कि उसकी जाति का खुलासा हो सकता है।

Rohit Vemula Case

रोहित वेमुला

Rohith Vemula Case: हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रहे रोहित वेमुला की आत्महत्या मामले में पुलिस की थ्योरी और क्लोजर रिपोर्ट पर परिवार को संदेह हो रहा है। पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि रोहित वेमुला दलित नहीं थे और जाति का खुलासा होने के डर से उन्होंने आत्महत्या कर ली। रोहित का परिवार अब पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को कानूनी रूप से चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। रोहित के भाई राजा वेमुला ने दावा किया कि जिलाधिकारी ने परिवार के अनुसूचित जाति के होने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया। इस पर पुलिस ने कहा कि वह आगे की जांच करेगी।
बता दें, रोहित वेमुला की मौत की जांच कर रही पुलिस ने स्थानीय अदालत के समक्ष मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है, पुलिस ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए इस मामले के आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। रोहित वेमुला के परिवार द्वारा व्यक्त किए गए संदेह का जिक्र करते हुए तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक रवि गुप्ता ने शुक्रवार देर रात एक बयान में कहा कि संबंधित अदालत में एक याचिका दायर की जाएगी और मजिस्ट्रेट से आगे की जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा।

पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट में क्या-क्या

इस मामले की जांच कर रही साइबराबाद पुलिस ने अदालत को बताया कि रोहित वेमुला अनुसूचित जाति (एससी) का नहीं था और उसे इसकी जानकारी थी। रिपोर्ट में कहा गया, रोहिता वेमुला को कई मुद्दे परेशान कर रहे थे जिसके कारण वह आत्महत्या कर सकता था। इसके अलावा वेमुला को खुद भी पता था कि वह अनुसूचित जाति का नहीं है और उसकी मां ने उसे अनुसूचित जाति (एससी) का प्रमाण पत्र बनवाकर दिया था। यह निरंतर भय में से एक हो सकता है क्योंकि इसके उजागर होने के परिणामस्वरूप उनकी शैक्षणिक उपाधि वापस ली जा सकती थी जो उसने वर्षों में अर्जित की थीं और उसे अभियोजन का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ता। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘तमाम कोशिशों के बावजूद, यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला कि आरोपियों के कृत्यों ने मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाया। बता दें, रोहित वेमुला ने 2016 में आत्महत्या कर ली थी।

कुलपति समेत कई लोगों को बनाया गया था आरोपी

वेमुला की 2016 में मौत एक राजनीतिक मुद्दा बन गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसके लिए केंद्र सरकार पर हमला बोला था। वहीं, तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मामले को जाति की लड़ाई के तौर पर पेश करने के कथित प्रयासों की आलोचना की थी। इस मामले में हैदराबाद विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति अप्पा राव पोडिले और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बंडारू दत्तात्रेय, भाजपा के पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) एन. रामचंद्र राव के साथ-साथ एबीवीपी के कुछ नेता भी आरोपी थे।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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