लालू, तेजस्वी यादव से जुड़े लैंड फॉर जॉब केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने आदेश को रखा सुरक्षित, अब 24 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आज इस मामले में ED की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले में सुनवाई की। जिसमें कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को तलब करने पर आदेश सुरक्षित रख लिया है।

Land for Job Money Laudering Case

जमीन के बदले नौकरी पीएमएलए मामले में लालू, तेजस्वी यादव को तलब करने पर कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

Land for Job Money Laudering Case: राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को पूर्व रेल मंत्री और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और अन्य को पीएमएलए के तहत जमीन के लिए नौकरी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब करने पर आदेश सुरक्षित रख लिया। अदालत को 24 अगस्त को आदेश सुनाना है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने पूरक आरोप पत्र और ईडी के वकील की दलीलों पर विचार करने के बाद लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और नौ अन्य आरोप-पत्रित आरोपियों को बुलाने पर आदेश सुरक्षित रख लिया।

ईडी ने जांच की स्थिति से कोर्ट को कराया अवगत

ईडी ने 6 अगस्त को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ पहला पूरक आरोप पत्र दायर किया था। इस पूरक आरोप पत्र में ललन चौधरी, हजारी राय, धर्मेंद्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, स्वर्गीय लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी, स्वर्गीय किशुन देव राय और संजय राय के नाम हैं। 6 जुलाई को, राउज एवेन्यू कोर्ट ने समय दिया और निर्देश दिया कि ईडी सुनवाई की अगली तारीख तक एक अतिरिक्त/अंतिम आरोप पत्र दायर करेगा। अदालत के निर्देश पर प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक भी पेश हुए थे। उन्होंने अदालत को जांच की स्थिति और एजेंसी द्वारा उठाए गए कदमों से अवगत कराया।
इस मामले में बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ ईडी पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। ईडी की ओर से ईडी के एसपीपी मनीष जैन स्नेहल शारदा के साथ अदालत में पेश हुए। विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने स्पष्ट किया कि यह एजेंसी के पास अब तक मौजूद सबूतों और सामग्रियों के आधार पर एक पूरक आरोप पत्र है। इससे पहले , अदालत ने ईडी को जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि ईडी अगली तारीख तक एक अतिरिक्त/अंतिम आरोप पत्र दायर करेगा इस मामले में बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी , उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के साथ अमित कत्याल और हृदयानंद चौधरी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। अमित कत्याल को छोड़कर सभी आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। 28 फरवरी को कोर्ट ने राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को नियमित जमानत दे दी थी। जमीन के बदले नौकरी धन शोधन मामले में अदालत ने 27 जनवरी को बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी , मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी व अन्य आरोपियों को समन जारी किया था।

2014 में राबड़ी देवी और तेजस्वी के नाम पर कई संपत्ति की गई स्थानांतरित

जांच के दौरान ईडी ने अमित कत्याल को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एके इन्फोसिस्टम और एबी एक्सपोर्ट नाम की दो फर्मों को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी ने प्रस्तुत किया था कि 2006-07 में अमित कत्याल ने एके इन्फोसिस्टम का गठन किया था और इसका व्यवसाय आईटी डेटा विश्लेषण था। कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं किया गया था। इसके बजाय कंपनी द्वारा कई जमीन पार्सल खरीदे गए थे। एक जमीन पार्सल मुख्य अपराध से संबंधित है जो कि नौकरी के लिए जमीन है। ईडी ने कहा कि इस कंपनी को एक लाख रुपये के बदले 2014 में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर स्थानांतरित किया गया था। इसकी स्थापना 1996 में हुई थी। 2007 में पांच कंपनियों के जरिए पांच करोड़ रुपये आए और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक संपत्ति खरीदी गई।
इस मामले में सात जमीन के टुकड़े शामिल हैं। इनमें से राबड़ी, हेमा यादव और मीसा भारती को जमीन के टुकड़े मिले। बाद में उन्होंने अपनी जमीनें बेच दीं। ईडी के विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को अवगत कराया था कि यादव परिवार के सदस्य अपराध की आय के लाभार्थी हैं। कत्याल को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव का करीबी सहयोगी बताया जाता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अमित कत्याल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिन पर पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के साथ लेनदेन में शामिल होने का आरोप है।
ईडी के अनुसार मार्च महीने में, विशेष खुफिया सूचनाओं के आधार पर, रेलवे भूमि के लिए नौकरी घोटाले में दिल्ली एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची में विभिन्न स्थानों पर 24 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप 1 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, 1900 अमेरिकी डॉलर सहित विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोने की ईंटें और 1.5 किलोग्राम से अधिक सोने के आभूषण (लगभग 1.25 करोड़ रुपये मूल्य), कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जिनमें विभिन्न संपत्ति के दस्तावेज, बिक्री के दस्तावेज आदि शामिल हैं, जो परिवार के सदस्यों और बेनामीदारों के नाम पर हैं, जो अवैध रूप से बड़ी मात्रा में भूमि बैंक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संचय का संकेत देते हैं।

600 करोड़ रुपये की अपराध आय का चला पता- ईडी

ईडी ने कहा कि तलाशी के परिणामस्वरूप इस बिंदु पर लगभग 600 करोड़ रुपये की अपराध आय का पता चला, जो 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों और विभिन्न बेनामीदारों के माध्यम से 250 करोड़ रुपये के लेनदेन के रूप में है। अब तक की गई जांच से पता चला है कि पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर जमीन के कई टुकड़े रेलवे में दी गई नौकरियों के बदले तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार द्वारा अवैध रूप से हासिल किए गए थे। इन जमीनों का वर्तमान बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपये से अधिक है। इस संबंध में, इन जमीनों के लिए कई बेनामीदारों, शेल संस्थाओं और लाभकारी मालिकों की पहचान की गई है।
इसके अलावा, पीएमएलए के तहत जांच से पता चला है कि न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली में स्थित संपत्ति (स्वतंत्र 4 मंजिला बंगला, मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत, तेजस्वी प्रसाद यादव और परिवार के स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनी) को महज 4 लाख रुपये के मूल्य पर अधिग्रहित किया गया था, जिसका वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 150 करोड़ रुपये है। यह संदेह है कि इस संपत्ति को खरीदने में भारी मात्रा में नकदी/अपराध की आय का इस्तेमाल किया गया है हालांकि कागजों में इस संपत्ति को मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय घोषित किया गया है, लेकिन इसका इस्तेमाल विशेष रूप से लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है। तलाशी के दौरान पाया गया कि तेजस्वी प्रसाद यादव इस घर में रह रहे थे और इस घर का इस्तेमाल अपनी आवासीय संपत्ति के रूप में कर रहे थे।
ईडी की जांच में पाया गया है कि लालू यादव के परिवार द्वारा ग्रुप-डी के गरीब आवेदकों से महज 7.5 लाख रुपये में खरीदी गई जमीन के 4 पार्सल को राबड़ी देवी ने राजद के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना की मिलीभगत से 3.5 करोड़ रुपये में भारी लाभ के साथ बेच दिया। ईडी की जांच में आगे पता चला कि इस प्रकार प्राप्त राशि का एक बड़ा हिस्सा तेजस्वी प्रसाद यादव के खाते में स्थानांतरित किया गया था। ईडी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि कई रेलवे जोन में 50 प्रतिशत से अधिक भर्ती उम्मीदवार लालू यादव के परिवार के निर्वाचन क्षेत्रों से थे।
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Shashank Shekhar Mishra author

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