नए संसद भवन पर विवाद, शिलान्यास से लेकर उद्घाटन समारोह तक सरकार को विपक्ष का नहीं मिला साथ

Parliament New Building Row : करीब 971 करोड़ रुपए की लागत से बने संसद के नए भवन की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को रखी। इस मौके पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित हुई। इस दौरान हर धर्म के प्रमुख मौजूद रहे। कांग्रेस, वाम दल और कई अन्य विपक्षी पार्टियों के प्रमुख नेता शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से विपक्ष ने दूरी बना ली है।

Parliament New Building Row : संसद की नई इमारत का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 28 मई को होना है लेकिन इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। जुबानी हमले हो रहे हैं। विपक्ष का का कहना है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा होना चाहिए। विपक्ष का आरोप है कि ऐसा न करते हुए सरकार 'संवैधानिक शुचिता' का निर्वहन नहीं कर रही है। विपक्ष भवन के उद्घाटन की तारीख पर भी सवाल उठा रहा है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि 28 मई को ही हिंदुत्व विचारधारा के पोषक वीडी सावरकर की जयंती है। विपक्ष सावरकर 'विभाजनकारी' जबकि भाजपा उन्हें नायक के रूप में पेश करती है।

19 दल करेंगे उद्घाटन समारोह का बहिष्कार

कांग्रेस समेत विपक्ष के 19 दलों ने बुधवार को कहा कि वे संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक बहिष्कार करेंगे क्योंकि इस सरकार में संसद से 'लोकतंत्र की आत्मा' को निकाल दिया गया है। जाहिर है कि उद्घाटन समारोह पर विवाद गहरा गया है। विपक्षी दलों को समारोह में आने के लिए मनाना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। नए संसद भवन पर शुरू से ही विवाद रहा है। भवन के शिलान्यास के दौरान विपक्ष के कई दल समारोह से दूर रहे। अब जब इसका उद्घाटन होना है तो भी विपक्ष सरकार पर हमलावर है।

10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने किया भूमि पूजन

करीब 971 करोड़ रुपए की लागत से बने संसद के नए भवन की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को रखी। इस मौके पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित हुई। इस दौरान हर धर्म के प्रमुख मौजूद रहे। कांग्रेस, वाम दल और कई अन्य विपक्षी पार्टियों के प्रमुख नेता शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। हालांकि, समारोह के लिए सरकार ने सभी दलों को आमंत्रित किया था। तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, डीएमके सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेता ने समारोह से दूरी बनाई। गैर राजग दलों में बीजू जनता दल, तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस के नेता इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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