मॉब लिंचिंग में शामिल हैं RSS, बजरंग दल, असम से बैन करने की उठी मांग
असम के एआईयूडीएफ एमएलए अमीनुल इस्लाम ने आरएसए और बजरंग दल को बैन करने की मांग की है।
असम से एआईयूडीएफ एमएलए
क्या आरएसएस, बजरंग दल हजारों लोगों की हत्या और मॉब लिंचिंग में शामिल हैं। क्या आरएसएस और बजरंग दल पीएफआई से भी अधिक खतरनाक हैं। असम में एआईयूडीएफ के एमएलए अमीनुल इस्लाम का कहना है कि ये दोनों संगठन और इन जैसे कुछ उग्र संगठन मॉब लिंचिग के साथ साथ धर्म के आधार पर हत्या में शामिल हैं। सच तो यह है कि आरएसएस और बजरंग दल पीएफआई से भी अधिक खतरनाक हैं और इन पर बैन लगाना चाहिए।संबंधित खबरें
भेदभाव ना करे सरकार
अमीनुल इस्लाम ने कहा कि अगर पीएफआई के खिलाफ सबूत हो तो बैन करना उचित है। लेकिन बहुत सी ऐसी तंजीमें हैं जिन्हें बैन करने की जरूरत है।ऐसी तंजीमें हैं जो सीधे तौर पर मॉब लिंचिंग में शामिल हैं आखिर उन्हें क्यों नहीं बैन किया जाना चाहिये। समाज में नफरत फैलाने वाली तंजीमों के खिलाफ सरकारें भेदभाव कर रही हैं। खासतौर से बीजेपी शासित सरकारों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। उनका स्पष्ट मत है कि जो देश के खिलाफ काम करने वाले संगठनों के खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए।संबंधित खबरें
विवादित बयान से रहा है नाता
अमीनुल इस्लाम का विवादित बयानों से नाता रहा है। 2020 में कोविड मरीजों पर विवादित टिप्पणी के मद्देनजर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। एक वायरल वीडियो में उन्होंने कहा था कि निजामुद्दीन मरकज से लौटने वाले तबलीगी जमात के लोगों को डिटेंशन कैंप में रखा गया था। जो लोग मरकज में शामिल थे उन्हें कोरोना नहीं था। लेकिन बदनाम करने के लिए उन्हें निशाना बनाया गया था। संबंधित खबरें
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
ललित राय author
खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया म...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited