जनसंख्या नियंत्रण कानून, बेरोजगारी, जातिवाद और हिंदू राष्ट्र- दशहरा उत्सव में मोहन भागवत ने बता दी वो 'रणनीति', जिसपर आगे बढ़ेगा संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पर्वतारोही संतोष यादव को अपने वार्षिक दशहरा समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। संघ के इतिहास में यह पहली बार है कि कोई महिला इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनीं हैं। वार्षिक विजयादशमी संबोधन संघ के मुख्य कार्यक्रमों में से एक है और इसे एक ऐसा अवसर माना जाता है जहां आरएसएस प्रमुख महत्वपूर्ण मुद्दों पर संघ के रुख को सामने रखते हैं।

संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मोहन भागवत और संतोष यादव

मुख्य बातें
  • दशहरे के दिन ही आरएसएस की हुई थी स्थापना
  • स्थापना दिवस की जगह दशहरा उत्सव मनाता है संघ
  • इस उत्सव के दौरान आरएसएस करती है शस्त्र पूजा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नागपुर स्थित मुख्यालय में बुधवार को विजयादशमी उत्सव मनाया गया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अब दुनिया भारत की बात सुन रही है। इस संबोधन से पहले मोहन भागवत ने शस्त्रों का पूजन किया। ये इस दिन की परंपरा रही है। इसी दिन संघ की स्थापना हुई थी। कहा जाता है कि इस दिन संघ उन मुद्दों की बात करता है, जिसपर वो आगे का अपना भविष्य तय करता है।
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क्या कहा संघ प्रमुख ने
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मोहन भागवत ने कहा कि हमें अपनी महिलाओं को सशक्त बनाना होगा। महिलाओं के बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता। विश्व में हमारी प्रतिष्ठा और साख बढ़ी है। जिस तरह से हमने श्रीलंका की मदद की और यूक्रेन-रूस संघर्ष के दौरान हमारे रुख से पता चलता है कि हमें सुना जा रहा है।
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