रूस-अमेरिका का जिक्र कर RSS प्रमुख ने कही बड़ी बात, बोले - धर्म के लिए बढ़ रहा भारत

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, चीन की बढ़ती ताकत के बीच अमेरिका और रूस यूक्रेन को मोहरा बनाकर लड़ रहे हैं। दोनों देश भारत को अपने-अपने पक्ष में करना चाहते हैं।

Mohan Bhagwat

मोहन भागवत

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat ) ने रविवार को भारत को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, अमेरिका और रूस जैसे देशों के बीच भारत सिर्फ धर्म के लिए आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, पहले भारत में यह हिम्मत नहीं थी।

आरएसएस प्रमुख ने कहा, वैश्विक स्तर पर देखें तो ज्यादातर देश ताकतवर होने के बाद डंडा लेकर चलते हैं। पहले रूस ने ऐसा किया था, लेकिन अमेरिका ने उसे गिरा दिया। इसके आद अमेरिका डंडा लेकर चलने लगा। हालांकि, अब चीन आया है और ऐसा लगता है कि वह अमेरिका को पछाड़ देगा।

देखें वीडियो -

धर्म के लिए आगे बढ़ रहा भारतमोहन भागवत ने कहा, चीन की बढ़ती ताकत के बीच अमेरिका और रूस यूक्रेन को मोहरा बनाकर लड़ रहे हैं। दोनों देश भारत को अपने-अपने पक्ष में करना चाहते हैं। हालांकि, भारत कहता है कि आप दोनों मेरे दोस्त हो, यूक्रेन भी हमारा दोस्त है। पहले मुझे अपने संकटग्रस्त मित्र देश यूक्रेन को राहत पहुंचाने दो। मैं किसी की तरफ नहीं हूं और यह समय युद्ध का नहीं है।

पहले के भारत में नहीं थी हिम्मतआरएसएस प्रमुख ने कहा, अमेरिका और रूस से इस तरह से कहने वाला भारत खड़ा हुआ है। पहले यह हिम्मत नहीं थी। भारत धर्म के लिए बढ़ रहा है। एक समय था जब श्रीलंका चीन और पाकिस्तान से दोस्ती करता था, लेकिन जब वह देश खतरे में पड़ा तो एक ही देश उसकी मदद के लिए आगे आया, वह भातर हैं। उन्होंने कहा, भारत धर्म को मानने वाला देश है, और ऐसा देश कभी भी किसी देश का लाभ नहीं उठाता। जब हमारी किसी और को आवश्यकता है, तो भारत पूरी मदद करता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (elections News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

End of Article
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited