प्रेम के नाम पर वासना का व्यापार: पहचान छिपाकर प्यार करना फ्रॉड...,लव जिहाद पर बोले RSS नेता इंद्रेश

RSS: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने कहा, प्यार के नाम पर आज हत्याएं और धर्मांतरण हो रहा है। लोगों ने इसे लव जिहाद बताया है। हम प्यार के नाम पर धोखाधड़ी और हिंसा की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, हिंदुस्तान प्रेम की धरती है और रहेगी।

RSS leader Indresh Kumar

आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार

RSS: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने लव जिहाद के मुद्दे पर खुलकर अपने विचार रखे। भोपाल में मीडिया से मुखातिब होते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि प्रेम एक सुपर सोच है। आज के समय में प्यार को धूमिल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, प्यार के नाम पर आज हत्याएं और धर्मांतरण हो रहा है। लोगों ने इसे लव जिहाद बताया है। हम प्यार के नाम पर धोखाधड़ी और हिंसा की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, हिंदुस्तान प्रेम की धरती है और रहेगी, लेकिन प्यार के नाम पर वासना का व्यापार चल रहा है।

प्रेस में खड़े होते हैं चार प्रश्न

इंद्रश कुमार ने कहा, प्रेम एक सुपर सोच है। इसमें चार प्रश्न खड़े होते हैं। उन्होंने कहा, पहला प्रश्न तो यह है कि लड़का और लड़की रात दो बजे तक बात करते हैं और कहते हैं कि एक-दूसरे के बिना जी नहीं सकते। बीच में एक घटना घटती है और पता लगता है कि लड़की का कत्ल हो जाता है। सच में यह प्यार है या फिर वासना। उन्होंने कहा, इस बारे में देश को सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा, दूसरा प्रश्न है कि लड़का और लड़की में प्यार होता है, चाहें वह किस भी मजहब और जाति के क्यों न हों। बाद में प्रेम होने के बाद राज खुलता है तो पता चलता है कि लड़के की असली पहचान दूसरी है। इस तरह धोखे में रखकर प्रेम करना फ्रॉड है और वासना है।

पहचान पता चलने के बाद होता है धर्मांतरण

इंद्रेश कुमार ने कहा, जब लड़का-लड़की को एक दूसरे का वास्तवित मजहब पता चलता है तो लड़की से कहा जाता है कि अपनी पहचान बदलो। जबकि हमने लोकतंत्र में तय किया है कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना। उन्होंने कहा, पहचान छिपाना, पहचान बदलवाना प्रेम है या मक्कारी। लव के नाम पर वासना का व्यापार चल रहा है। प्रेम को धूमिल किया जा रहा है।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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