PFI की तरह RSS पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, बोले RJD चीफ लालू प्रसाद यादव
आतंकी गतिविधियों और ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने के सबूत मिलने के बाद सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगा दिया है। उसके बाद सियासी बयान आने तेज हो गए। आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने कहा कि PFI की तरह RSS पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
लालू यादव ने कहा कि आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए
- आतंकी गतिविधियों में शामिल होने सबूत मिलने के बाद पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- सरकार ने PFI पर प्रतिबंध का फैसला, उसके नेताओं से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के बाद लिया।
- इस आरजेडी चीफ लालू यादव ने कहा कि आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए
पटना/दिल्ली : भारत सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में शामिल और ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों से संबंध होने की वजह से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े कई अन्य संगठनों पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शु्रू हो गईं। इस बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने कहा कि पीएफआई की जांच की जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) समेत PFI जैसे सभी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और जांच होनी चाहिए। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि हम शांति भंग करने वाले या कानून के खिलाफ किसी भी व्यक्ति पर कार्रवाई का विरोध नहीं करते हैं। आरएसएस और अन्य संगठन भी उसी तरह शांति भंग कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, ऐसे किसी भी संगठन को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
PFI के 150 लोगों पर हुई कार्रवाई
सरकार ने PFI पर प्रतिबंध का फैसला उसके नेताओं से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के बाद लिया। इस 16 साल पुराने संगठन के खिलाफ मंगलवार को 7 राज्यों में छापेमारी के बाद 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया। इससे 5 दिन पहले भी देशभर में PFIसे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई थी और करीब 100 से अधिक लोगों को उसकी कई गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था, जबकि काफी संख्या में संपत्तियों को भी जब्त किया गया। पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के नेता हैं और PFI के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से भी जुड़े हैं। JMB और SIMI दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं। पीएफआई के इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों के भी कई मामले सामने आए हैं।
इन वजहों से PFI पर लगा प्रतिबंध
सरकार की अधिसूचना में दावा किया गया कि PFI और उसके सहयोगी या मोर्चे देश में असुरक्षा होने की भावना फैलाकर एक समुदाय में कट्टरता को बढ़ाने के वास्ते गुप्त रूप से काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं।
अधिसूचना में कहा गया कि इन कारणों के चलते केंद्र सरकार का दृढ़ता से यह मानना है कि पीएफआई की गतिविधियों को देखते हुए उसे और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से गैरकानूनी संगठन घोषित करना जरूरी है। संबंधित अधिनियम की धारा-3 की उपधारा (3) में दिए गए अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इसे गैर-कानूनी घोषित किया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात सरकार ने भी पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था।
देश विरोधी भावनाओं को बढ़ा रहा था PFI
अधिसूचना में दावा किया गया कि PFI, उसके सहयोगी या उससे संबद्ध मोर्चे देश में आतंक का माहौल पैदा करने के इरादे से हिंसक आतंकवादी कृत्यों में शामिल रहे हैं, जिससे राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा उत्पन्न होता है। अधिसूचना में आरोप लगाया गया कि PFI आतंक-आधारित दमनकारी शासन को बढ़ावा देते हुए उसे लागू करने की कोशिश कर रहा है, देश के प्रति वैमनस्य उत्पन्न करने के लिए देश विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने और समाज के एक विशेष वर्ग को कट्टरपंथी बनाने की लगातार कोशिश कर रहा है। इसमें कहा गया है कि संगठन ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, जो देश की अखंडता, सुरक्षा व संप्रभुता के लिए खतरा हैं। गृह मंत्रालय ने दावा किया कि जांच में पीएफआई और उसके सहयोगियों या मोर्चों के बीच संबंध के स्पष्ट सबूत मिले हैं।
PFI से जुड़े लोगों की संपत्ति भी हो सकती है जब्त
अधिसूचना में कहा गया कि PFI ने समाज के विभिन्न वर्गों जैसे युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामों, वकीलों या समाज के कमजोर तबकों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए अपने अलग-अलग मोर्चे बनाए, जिसका एकमात्र लक्ष्य अपना विस्तार करना, प्रभाव बढ़ाना और धन एकत्रित करना रहा। केंद्र ने एक अन्य अधिसूचना में राज्य सरकारों को उन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया, जो PFI से जुड़े थे। उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है और संपत्ति आदि जब्त भी की जा सकती है। गृह मंत्रालय ने कहा कि इन सहयोगियों या संबद्ध संगठनों या मोर्चों का चोली दामन का साथ है। आयकर विभाग ने रिहैब इंडिया फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया है।
इन संगठनों पर भी है प्रतिबंध
आतंकवाद रोधी कानून UAPA के तहत प्रतिबंधित संगठनों में रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CF), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (NCHRO), नेशनल विमेंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन (केरल)’ के नाम शामिल हैं।
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