RTI के तहत सूचना के लिए चुकाए 1.49 लाख रुपये, पांच बोरों में भरे दस्तावेज भेजना हुआ मुश्किल
RTI कार्यकर्ता ने विस्तृत जानकारी मांगी थी कि गोला प्रखंड में 2020 से 2023 तक 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत दी गई राशि कैसे खर्च की गई।
RTI: झारखंड के रामगढ़ जिले के 32 वर्ष के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने 74,500 पन्नों के दस्तावेज की फोटोकॉपी के शुल्क के रूप में 1.49 लाख रुपये का भुगतान किया है। उसने मांग की है कि पांच बोरों में रखे ये कागज उसे सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत कोरियर या डाक से भेजे जाएं। हालांकि, सरकार ने उससे गोला प्रखंड दफ्तर से ये बोरे लेने को कहा है जिससे इनकार करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ने मांग की है कि या तो दस्तावेज उसे डाक से भेजे जाएं या उसकी पूरी राशि लौटा दी जाए।
तीन साल में खर्च की गई राशि का ब्यौरा मांगा था
एक अधिकारी ने बताया कि गोला प्रखंड के रायपुरा गांव के रहने वाले बीनू कुमार महतो ने छह मई को लोक सूचना अधिकारी-सह-बीडीओ को आरटीआई अर्जी भेजकर इस बारे में विस्तृत जानकारी मांगी थी कि गोला प्रखंड में 2020 से 2023 तक 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत दी गई राशि कैसे खर्च की गई। गोला के बीडीओ संतोष कुमार ने कहा कि महतो को पहले जानकारी के लिए विभिन्न पंचायत सचिवालयों में जाने को कहा गया था और जब उन्होंने इससे मना कर दिया तो प्रखंड कार्यालय ने सूचना एकत्रित करके पांच बोरों में 74,500 कागजों में इसे जमा किया।
उन्होंने कहा कि महतो को प्रखंड कार्यालय से ये गोपनीय कागज प्राप्त करने को कहा गया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। हालांकि, महतो ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत लोक सूचना अधिकारी को जानकारी डाक से भेजनी चाहिए। रामगढ़ के उप विकास आयुक्त रोबिन टोपो ने कहा कि वह मामले को देखेंगे।
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