Uniform Civil Code पर हंगामा, 18 साल में देश में बेटी की शादी तो मुस्लिम धर्म में 15 साल में क्यों?

राज्यसभा में बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) को लेकर प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया। बिल पेश करने से पहले सदन में विपक्ष ने हंगामा किया। सवाल ये है कि एक देश, एक प्रधान तो एक कानून क्यों नहीं? सवाल ये भी कि 18 साल में देश की बेटी की शादी तो मुस्लिम धर्म में 15 साल क्यों?

चुनावी सरगर्मियों के साथ ही हाल के दिनों में यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) का मुद्दा सुर्खियों में है। इस साल जहां-जहां भी विधान सभा चुनाव हुए हैं, उन सभी राज्यों में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) बड़ा चुनावी मुद्दा बन कर उभरा। बीजेपी ने अपने प्रचार अभियान में इसे बड़े मुद्दे के तौर पर शामिल किया। इस साल 7 राज्यों में विधान सभा चुनाव हुए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के अलावा हिमाचल प्रदेश और गुजरात शामिल हैं। इन सभी राज्यों में प्रचार के दौरान बीजेपी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर वोट मांगे। क्या 2024 तक किसी भी हाल में देश में लागू हो जाएगा यूनिफॉर्म सिविल कोड और सवाल ये है कि एक देश, एक प्रधान तो एक कानून क्यों नहीं? सवाल ये भी कि 18 साल में देश की बेटी की शादी तो मुस्लिम धर्म में 15 साल क्यों? सवाल तो ये भी कि हिजाब वाली बेटी को पीएम बनाने वाले ओवैसी को यूसीसी से परहेज क्यों है?

दरअसल कल राज्यसभा में बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया। बिल पेश करने से पहले सदन में विपक्ष ने इतना हंगामा किया कि राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ को इसे पेश करने के लिए वोटिंग तक करवानी पड़ी। इस देश में ओवैसी हिजाब वाली बेटी को पीएम बनाने की वकालत करते हैं लेकिन लड़कियों की शादी की उम्र की बात आए तो अलग कानून चाहते हैं। देश में लड़कियों की शादी की एक उम्र को लेकर महिला आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

कानून के हिसाब से देश में तो लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है। पॉक्सो में 18 साल से कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म अपराध है। लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर SC में महिला आयोग की याचिका '18 साल से कम उम्र में शादी तो पॉक्सो एक्ट का उल्लंघन', '18 साल से कम उम्र में शादी तो IPC के रेप प्रावधानों का उल्लंघन है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद महिला आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। महिला आयोग की याचिका पर SC ने केंद्र से जवाब मांगा है। लड़कियों की शादी को लेकर SC में 8 जनवरी 2023 को सुनवाई होगी।

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