यह रिश्ता बहुत खास है, रूसी राजदूत बोले- 'दोस्ती से ज्यादा कुछ नहीं होता'

भारत में रूस के राजदूत डेनिस ऑलिपोव ने दोनों देशों के रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि दोस्ती से ज्यादा कुछ नहीं होता।

डेनिस ऑलिपोव, भारत में रूस के राजदूत

रूस और भारत के बीच संबंध ना सिर्फ राजनीतिक, कूटनीतिक है बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भी है। समय की कसौटी पर दोनों देशों ने अपने रिश्तों का मान भी रखा तो सीख भी दी है। रूस यूक्रेन युद्ध के समय भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को गैरमौजूद रख कर ना सिर्फ दोस्ती को और पुख्ता किया बल्कि सामान्य तौर पर रूस को संदेश भी दिया कि लड़ाई से कुछ हासिल नहीं होने वाला है। इस समय दिल्ली में रूसी सांस्कृतिक महोत्सव मनाया जा रहा है और भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलिपोव ने कहा कि यहां पर एक कहावत है कि दोस्ती से ज्यादा कुछ भी नहीं होता।

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'सिर्फ शब्दों तक नहीं सीमित हैं संबंध'

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अलीपोव की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत और रूस दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। विशेष रूप से, महामारी के बीच कोरोनोवायरस के प्रसार के कारण दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान प्रभावित हुआ था। समारोह के दौरान, अलीपोव ने जोर देकर कहा कि वह महामारी के कारण दो साल के ऑनलाइन आदान-प्रदान के बाद दोनों देशों के बीच पारस्परिक सांस्कृतिक उत्सवों की परंपरा को फिर से शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूस और भारत की मित्रता सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं है। दोनों देश रिश्तों को दिल से निभाने की कोशिश करते हैं। ऐतिहासिक तौर पर जब दोनों देश किसी मुश्किल में घिरे तो संबंधों को एक नई ऊंचाई तक पहुंचा गए।

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