'आतकंवाद पैदा करने वाले देशों की पहचान करना अब जरूरी', भारत-जापान फोरम में जयशंकर बोले

S Jaishankar : जयशंकर दिल्ली में आयोजित भारत-जापान फोरम 2023 को संबोधित कर रहे थे। फोरम में उनके जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी ने कहा कि एक समान सोच वाले भारत और जापान के बीच सहयोग की शीर्ष प्राथमिकता में आतंकवाद से लड़ना होना चाहिए।

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भारत की यात्रा पर आए हैं जापान के विदेश मंत्री। (MEA)

S Jaishankar : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि आतंकवाद का सामना करने के लिए भारत और जापान को एक पेज पर होना जरूरी है। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उस पर हमला बोला। विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद की जड़ की पहचान करते हुए इस अभिशाप को जन्म देने वाले देशों की पहचान करना भी जरूरी है। जापान के विदेश मंत्री गुरुवार को भारत यात्रा पर पहुंचे।

भारत-जापान फोरम में बोले विदेश मंत्री

जयशंकर दिल्ली में आयोजित भारत-जापान फोरम 2023 को संबोधित कर रहे थे। फोरम में उनके जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी ने कहा कि एक समान सोच वाले भारत और जापान के बीच सहयोग की शीर्ष प्राथमिकता में आतंकवाद से लड़ना होना चाहिए। हयाशी के इस जवाब पर भारतीय विदेश मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

पांच महीनों में हयाशी की यह दूसरी भारत यात्रा

भारत-जापान रणनीतिक संबंधों की समीक्षा करने और इन्हें मजबूत करने के उद्देश्य से हयाशी के दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचने के कुछ घंटे बाद यह वार्ता हुई। वार्ता से पहले जयशंकर ने ट्वीट किया कि जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी का नयी दिल्ली की सुहानी शाम में स्वागत है। उन्होंने कहा, ‘15वीं भारत-जापान रणनीतिक वार्ता में समीक्षा होगी और हमारी विशेष रणनीति व वैश्विक साझेदारी का रास्ता तय होगा।’ पिछले पांच महीनों में हयाशी की यह दूसरी भारत यात्रा है। ऐसा माना जाता है कि दोनों पक्षों के बीच हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी चर्चा हुई।

हयाशी ने चुनौतियों के बारे में जिक्र किया

हयाशी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की मौजूदगी में कहा, 'ऐसे समय में, जब यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता सहित कई गंभीर चुनौतियां हैं, जापान और भारत दुनिया को विभाजन और टकराव के बजाय सहयोग की ओर ले जाने की आवश्यकता को पूरी तरह से समझते हैं।' उन्होंने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी की पृष्ठभूमि में कहा, 'कानून के शासन पर आधारित खुली एवं स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था ऐसी दुनिया के सपने को साकार करने के लिए अहम है।'

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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