एस जयशंकर ना सिर्फ दोस्त बल्कि काबिल मंत्री, शशि थरूर बोले- ट्वीट को गलत समझा गया
Shashi Tharoor: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि पश्चिमी देशों पर विदेश मंत्री की प्रतिक्रया के संबंध में उनकी टिप्पणी थी। उन्होंने कभी भी खालिस्तानियों के संबंध में विदेश मंत्री को न्यूट्रल बयान देने पर निशाना नहीं साधा था। खालिस्तनियों द्वारा झंडा लहराने की उन्होंने खुद आलोचना की थी।
कांग्रेस सांसद हैं शशि थरूर
Shashi Tharoor: विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर वैसे तो सामान्य तौर पर शांत होकर रिएक्शन देते हैं। लेकिन बात जब यूक्रेन -रूस लड़ाई के मुद्दे पर पश्चिमी देशों की सोच हो या पाकिस्तान या चीन का मुद्दा हो तो वो आक्रामक अंदाज में जवाब देते हैं। जब ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर खालिस्तानी झंडा फहराया गया उस समय आक्रामक अंदाज में जवाब दिया। उसी समय कांग्रेस सांसद ने एक ट्वीट किया था जिसका यह मतलब निकाला गया कि वो एस जयशंकर को कूल रहने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन उन्होंने चुप्पी तोड़ी ट्वीट के जरिए जवाब दिया और कहा कि जयशंकर उनके दोस्त और काबिल विदेश मंत्री हैं। उन्होंने कूल रहने की सलाह नहीं दी थी। शथि थरूर ने कहा कि हां वो पहले कुछ मसलों पर कूल रहने की सलाह दी लेकिन अगर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा झंडा लहराने की बात हो तो उस तरह की घटना के लिए सलाह नहीं थी।
थरूर की सफाई
थरूर ने कहा कि कुछ लोगों ने उनकी बात को गलत तरह से समझा और गलत तरह से पेश भी किया। थरूर ट्वीट में जिक्र करते हैं "दोस्तों ने मुझे सामान्य ट्रॉल्स से एक संदेश भेजा है जिसमें दावा किया गया है कि विदेश मंत्री @DrSजयशंकर को "इसे शांत करने" की मेरी सलाह खालिस्तानियों द्वारा भारतीय दूतावास के बाहर हमारा झंडा उतारने की घटना पर उनकी प्रतिक्रिया पर थी।यह नहीं था। जब वह घटना घटी तो मैंने विदेश मंत्रालय से पहले ही नाराजगी व्यक्त की, क्योंकि जैसे ही यह घटना घटी, मुझे लोकसभा में कैमरों द्वारा घेर लिया गया। थरूर ने ट्वीट किया, ''आक्रोश वास्तव में सबसे उचित प्रतिक्रिया थी।थरूर ने ट्वीट किया, "बिना उकसावे के विदेशी देशों की आंखों में उंगली डालना हमारी शैली नहीं है। झंडा फहराने की घटना एक उकसावे की घटना थी और भारत की प्रतिक्रिया उचित थी मामले हमारे राष्ट्रीय हित में होने चाहिए।
विदेश मंत्री ने क्या कहा था
अप्रैल में शशि थरूर ने जयशंकर के उस बयान पर टिप्पणी की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम को दूसरे देशों पर टिप्पणी करने की बुरी आदत है. थरूर ने कहा कि उन्हें लगता है कि जयशंकर को आसानी से उकसाया जा रहा है। थरूर ने कहा, "मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं और उन्हें एक दोस्त मानता हूं लेकिन इस मुद्दे पर, मुझे लगता है कि हमें इतना संकोच करने की जरूरत नहीं है, मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि एक सरकार के रूप में हम कुछ कदम गंभीरता से लें।" थरूर की यह सलाह कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले बेंगलुरु में एक सभा में जयशंकर द्वारा पश्चिम को फटकार लगाने के बाद आई, जहां उन्होंने कहा था कि पश्चिम द्वारा भारत पर टिप्पणी करने के दो कारण हैं। जयशंकर ने कहा था कि ऐसा इसलिए है क्योंकि पश्चिम को दूसरों पर टिप्पणी करने की बुरी आदत है। वे किसी तरह सोचते हैं कि यह भगवान प्रदत्त एक प्रकार का अधिकार है।
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