'LAC का सम्मान हर हाल में करिए', वांग यी से दो टूक बोले जयशंकर , SCO सम्मेलन से इतर मिले भारत-चीन के विदेश मंत्री

S Jaishankar meets Wang Yi : 2020 में गलवान में भारत और चीन के बीच संघर्ष हुआ था। इसके बाद से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के कुछ इलाकों पर विवाद पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है। इन क्षेत्रों पर बने गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है।

S Jaishankar

चीन के विदेश मंत्री से मिलते एस जयशंकर।

मुख्य बातें
  • भारत और चीन की सेनाओं के बीच मई 2020 से गतिरोध जारी है
  • भारत, चीन ने माना-हालात को लंबा खींचना दोनों देशों के हित में नहीं है
  • दोनों नेताओं के बीच सीमा क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा हुई
S Jaishankar meets Wang Yi : शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक गुरुवार को कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में हुई। इस बैठक से इतर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के अपने समकक्ष वांग यी से मिले। इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगे लद्दाख क्षेत्र में जारी विवाद का हल निकालने पर चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा कि लद्दाख के जिन क्षेत्रों में दावे को लेकर जो विवाद है उसका हल जल्द निकालने की जरूरत है। बैठक के बाद X पर जयशंकर ने कहा कि 'एलएसी का सम्मान और सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं सद्भाव सुनिश्चित करना जरूरी है।'

दोनों देशों के बीच सामान्य संबंध अहम हैं

जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘आज सुबह सीपीसी पोलित ब्यूरो के सदस्य एवं विदेश मंत्री वांग यी से अस्ताना में मुलाकात की। सीमा क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा की। कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति बनी।’उन्होंने कहा, ‘एलएसी का सम्मान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना अहम है। आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे।’ भारत का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिए अहम है।

विवाद जारी रखना दोनों देशों के हित में नहीं

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘दोनों मंत्रियों ने दोनों पक्षों के राजनयिक और सैन्य अधिकारियों के बीच बैठकें जारी रखने तथा बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, ताकि शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए चर्चा को आगे बढ़ाया जा सके।’ मंत्रालय ने कहा, ‘उन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय पर कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) को शीघ्र बैठक करनी चाहिए।’ मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि सीमा क्षेत्रों में वर्तमान में जो हालात हैं उन्हें लंबा खींचना किसी के भी हित में नहीं है।

सीमा विवाद के बीच नेताओं के बीच हुई बैठक

मंत्रालय ने कहा, ‘विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में शेष क्षेत्रों से सैनिकों को पूरी तरह से हटाने और सीमा पर शांति बहाल करने के प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य होने की राह में जो भी बाधाएं हैं वे दूर हों।’भारत और चीन के मध्य पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच इन नेताओं के बीच यह बैठक हुई है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच मई 2020 से गतिरोध जारी है। दोनों पक्ष हालांकि टकराव वाले कई क्षेत्रों से पीछे हटे हैं लेकिन सीमा विवाद का पूर्ण समाधान अब तक नहीं हो पाया है। गलवान घाटी में जून 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी जिसमें बड़ी संख्या में दोनों ओर के सैनिक हताहत हुए थे। दोनों पक्षों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए पिछली बातचीत फरवरी में हुई थी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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आलोक कुमार राव author

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