एंकर का सवाल-भारत को सबसे ज्यादा हथियार रूस देता है, विदेश मंत्री का जवाब ..'तो', फिर दिखाया आईना, Video

S Jaishankar Austria Visit : ऑस्ट्रिया के एंकर ने कहा कि रूस सबसे ज्यादा भारत हथियार एवं सैन्य सामग्री की आपूर्ति करता है, क्या वह मास्को की आलोचना करेंगे? इस सवाल पर विदेश मंत्री ने बड़े साफगोई से जवाब देते हुए कहा कि भारत और रूस के संबंध बहुत पुराने हैं।

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विदेश मंत्री ने भारत को घेरने की कोशिश नाकाम की।

S Jaishankar Austria Visit : रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का साथ नहीं मिलने की टीस पश्चिमी देशों में बार-बार उभरकर सामने आ रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को ऑस्ट्रिया की यात्रा पर थे। राजधानी वियना में वहां के सरकारी टेलिविजन पर बातचीत के दौरान पत्रकार ने रूस-भारत संबंधों को लेकर उनसे कई सवाल पूछे और भारत को घेरने की कोशिश की। जबकि विदेश मंत्री ने भारत-रूस संबंधों पर साफगोई से जवाब देते हुए पश्चिमी देशों के स्टैंड पर सवाल खड़े किए और एक बार फिर उन्हें आईना दिखा दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और रूस के संबंध काफी पुराने हैं और इसे समझने के लिए हमें इतिहास में जाना चाहिए।

क्या मास्को की आलोचना करेंगे?

ऑस्ट्रिया के एंकर ने कहा कि रूस सबसे ज्यादा भारत हथियार एवं सैन्य सामग्री की आपूर्ति करता है, क्या वह मास्को की आलोचना करेंगे? इस सवाल पर विदेश मंत्री ने बड़े साफगोई से जवाब देते हुए कहा कि भारत और रूस के संबंध बहुत पुराने हैं। इस संबंध को समझने के लिए इतिहास में जाना पड़ेगा। जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के संबंध तब बने या मजबूत हुए जब पश्चिमी देश पाकिस्तान को हथियार दे रहे थे। वजह चाहे जो भी रही हो पश्चिम के लोकतांत्रिक देश भारत की जगह एक तानाशाह देश को सैन्य सामग्री की आपूर्ति करती रहे।

अलायंस जैसी चीज में विश्वास नहीं करते-जयशंकर

एंकर ने आगे पूछा कि क्या भारत खुद को रूस के अपने एक सहयोगी देशी के रूप में देखता है। इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि भारत एक स्वतंत्र देश है और वह खुद को अलायंस जैसी चीजों से बांधकर नहीं देखता, यह अवधारणा भी पश्चिम की है। दरअसल, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से पश्चिमी देश चाहते रहे हैं कि भारत रूस की निंदा करे और यूक्रेन के समर्थन में आए। संयुक्त राष्ट्र एवं यूएनएससी में रूस के खिलाफ लाए गए सभी प्रस्तावों से नई दिल्ली ने दूरी बना ली। भारत की तटस्थता पश्चिमी देशों को रास नहीं आई। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उनकी यह झल्लाहट बार-बार दिखी है। रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदे जाने को लेकर भी यूरोप के देशों ने भारत को घेरने की कोशिश की लेकिन पेट्रोलियम मंत्री एवं विदेश मंत्री ने अपने जवाबों से उन्हें बेपरदा कर दिया।

चीन ने समझौता तोड़ा-विदेश मंत्री

बातचीत में आतंकवाद और एलएसी के बारे में भी जयशंकर ने बेबाकी से अपनी बात रखी। एलएसी के मौजूदा हालात पर उन्होंने कहा कि हमने कई स्तरों पर सैन्य दबाव को देखा है, जिसका औचित्य नहीं है। आज जब पारदर्शिता है तो रिकॉर्ड बेहद साफ है, आपके पास सैटेलाइट तस्वीरें हैं। अगर आप देखें कि बॉर्डर एरिया में कौन सी फोर्स सबसे पहले आगे बढ़ी। चीन के साथ हमारा समझौता था कि सीमाई इलाकों में दोनों फौजें सेना का इस्तेमाल नहीं करेंगी। अफसोस की बात कि वो मुकर गए और उसी का नतीजा है कि माहौल तनावपूर्ण है। हमारे में एक समझौता और था कि लाइन ऑफ कंट्रोल को एकतरफा नहीं बदलाव करेंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

पाकिस्तान को दिखाया आईना

आतंकवाद का केंद्र भारत के करीब स्थित है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान वह देश है जिसने मुंबई शहर पर हमला किया, जो होटलों और विदेशी पर्यटकों के पीछे पड़ा, जो हर दिन सीमा पार आतंकवादी भेजते हैं।' विदेश मंत्री ने अपना हमला तेज करते हुए कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादियों को सैन्य स्तर पर प्रशिक्षित किया जाता है। यदि आप अपने संप्रभु स्थान को नियंत्रित करते हैं, जो मुझे विश्वास है कि वे करते हैं। यदि आतंकवादी शिविर भर्ती और वित्तपोषण के साथ दिन के उजाले में संचालित होते हैं, तो क्या आप वास्तव में मुझे बता सकते हैं कि पाकिस्तान यह नहीं जानता है? विशेष रूप से, उन्हें सैन्य-स्तर, युद्ध की रणनीति में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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