अवैध भारतीय प्रवासियों की वापसी पर संसद में मचा हंगामा, एस जयशंकर देंगे संसद में बयान

सभापति ने कहा कि उन्होंने खुद तय किया है कि इस मुद्दे पर मंत्री का बयान होना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि विदेश मंत्री ने स्वयं मेरी अनुमति मांगी और संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर बयान देंगे।

S Jaishankar.

एस जयशंकर देंगे बयान

S Jaishankar Statement on Deportation of Indians: अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को निर्वासित किए जाने के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर राज्यसभा में आज दोपहर 2 बजे बयान देंगे। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। इससे पहले, विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। इस वजह से सदन में शून्यकाल नहीं हो सका था।

संसद में हुआ हंगामा

दोपहर 12 बजे कार्यवाही आरंभ होते ही सदस्यों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि नियम 267 के तहत एक मुद्दा उठाया गया और कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने उनसे कक्ष में मुलाकात भी की। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा अमेरिका से भारतीयों को निर्वासित किए जाने का है। उन्होंने कहा, विदेश मंत्री सदन में आज बयान देंगे। स्थिति को देखते हुए मैं सदस्यों को हस्तक्षेप का कुछ अवसर दूंगा। विदेश मंत्री इसके लिए सहमत हो गए हैं।

संसदीय कार्यमंत्री रीजीजू ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विदेश मंत्री बयान देने को सहमत हैं और उन्होंने आपसे आग्रह किया है वह दो बजे बयान देंगे। सदस्य भी यही चाहते थे। हस्तक्षेप और सवाल परंपराओं के अपुरूप होना चाहिए। इस पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास ने आपत्ति जताई।

सभापति ने कहा, विदेश मंत्री देंगे बयान

सभापति ने कहा कि उन्होंने खुद तय किया है कि इस मुद्दे पर मंत्री का बयान होना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि विदेश मंत्री ने स्वयं मेरी अनुमति मांगी और संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर बयान देंगे। मैं सदन के विभिन्न दलों के नेताओं को हस्तक्षेप की अनुमति दूंगा। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति को धन्यवाद दिया कि उन्होंने सरकार को इस मुद्दे पर बयान देने का निर्देश दिया तब जाकर सरकार ने उसे माना। उन्होंने कहा कि सरकार खुद से इस मुद्दे पर बयान नहीं देना चाहती थी। आपका प्रभाव इतना हो गया कि अंतत: उन्हें सहमत होना पड़ गया। धनखड़ ने कहा कि मेरा प्रभाव इतना रहा कि मंत्री ने स्वयं ही आकर यह कह दिया।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वह सभापति के पास गए थे और उन्हें बताया कि सदन को इस बारे में (अमेरिका से निर्वासन के बारे में) सूचित किया जाना चाहिए। इस पर, धनखड़ ने कहा, यह अच्छी बात है कि जनहित और राष्ट्रहित के सभी मुद्दों पर सदन को विश्वास में लिया जाना चाहिए। इसके बाद सदन में प्रश्नकाल शुरू हुआ।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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