जयशंकर का चीन को मैसेज, SCO के सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का करें सम्मान

SCO शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन से कहा कि एससीओ के सदस्य देशों की ‘संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता’ का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि निष्पक्ष बाजार पहुंच हमारे परस्पर हित में है और आगे बढ़ने का यह एकमात्र रास्ता है।

एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन की ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) की बढ़ती आलोचना के बीच कहा है कि संपर्क परियोजनाओं को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों की ‘संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता’ का सम्मान करना चाहिए। SCO शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) की डिजिटल माध्यम से आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि ‘मुक्त बाजार पहुंच’ आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह और ‘इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरीडोर’ क्षेत्र में सुगम संपर्क उपलब्ध करने वाला माध्यम बन सकते हैं। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने सीएचजी की 21वीं बैठक की मेजबानी की।

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक खाद्य संकट का मुकाबला करने के लिए एससीओ सदस्य देशों के साथ व्यापक सहयोग का इरादा रखता है। खाद्य सुरक्षा चुनौती यूक्रेन संकट के बाद बढ़ गई है। आर्थिक संपर्क पर, जयशंकर ने कहा कि SCO सदस्य देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 141 अरब डॉलर का है और यह कई गुना वृद्धि करने की क्षमता रखता है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि निष्पक्ष बाजार पहुंच हमारे परस्पर हित में है और आगे बढ़ने का यह एकमात्र रास्ता है।

चीन द्वारा अपने कुछ खास क्षेत्रों में पहुंच उपलब्ध नहीं कराने को लेकर भारत में चिंताएं बढ़ रही हैं। एससीओ क्षेत्र में बेहतर संपर्क की जरूरत को रेखांकित करते हुए, जयशंकर ने कहा कि इसे मध्य एशियाई देशों के हितों को महत्व देते हुए तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हाल में संपन्न हुए एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। यह रेखांकित किया कि हमें मध्य एशियाई देशों के हितों को महत्व देते हुए एससीओ क्षेत्र में बेहतर संपर्क स्थापित करने की जरूरत है।

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