एस सोमनाथ से लेकर एम संकरन तक, जानिए मिशन चंद्रयान-3 के पीछे कौन-कौन अहम चेहरे

अब तक सिर्फ तीन देशों (अमेरिका, रूस और चीन) ने ही चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारा है। भारत के इस महत्वाकांक्षी मिशन के पीछे कौन-कौन प्रमुख वैज्ञानिक हैं, आइए जानते हैं।

एस सोमनाथ और एम संकरन

Chandrayaan 3: श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत का चंद्रयान-3 उड़ान भरने जा रहा है। गुरुवार दोपहर 1.05 बजे से इसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। अब इसरो (ISRO) लॉन्च के लिए पूरी तरह तैयार है। उलटी गिनती शुरू होने से पहले इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और कई प्रमुख वैज्ञानिकों ने मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करने के लिए चंद्रयान -3 के लघु मॉडल के साथ तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर पहुंचे थे। अब तक सिर्फ तीन देशों (अमेरिका, रूस और चीन) ने ही चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारा है। भारत के इस महत्वाकांक्षी मिशन के पीछे कौन-कौन प्रमुख वैज्ञानिक हैं, आइए जानते हैं।

एस सोमनाथ, इसरो अध्यक्ष

एस सोमनाथ को भारत के महत्वाकांक्षी चंद्रमा मिशन के पीछे के दिमागों में से एक माना जाता है। अतीत में उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) और तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र - अंतरिक्ष एजेंसी के लिए रॉकेट प्रौद्योगिकियों के विकास के प्राथमिक केंद्र के निदेशक के रूप में कार्य किया है। उनके कार्यभार संभालने के बाद से चंद्रयान-3, आदित्य-एल1 (सूर्य मिशन) और गगनयान जैसे महत्वपूर्ण मिशनों को गति मिली है।

पी वीरमुथुवेल चंद्रयान -3 परियोजना निदेशक

पी वीरमुथुवेल ने 2019 में चंद्रयान -3 परियोजना निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला। इससे पहले उन्होंने इसरो मुख्यालय में स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम कार्यालय में उप निदेशक के रूप में कार्य किया है। अपने तकनीकी कौशल के लिए जाने जाने वाले वीरमुथुवेल ने चंद्रयान -2 मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के साथ बातचीत के लिए वह प्रमुख व्यक्ति रहे। तमिलनाडु के विल्लुपुरम के मूल निवासी वीरमुथुवेल मद्रास में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-एम) के पूर्व छात्र हैं।

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