ट्रैक पर रखी किसी चीज से टकराई थी साबरमती एक्सप्रेस, मिले टकराने के निशान, सबूत सुरक्षित...बोले रेल मंत्री

रेलवे ने बताया कि हादसा तड़के करीब ढाई बजे हुआ। उन्होंने बताया कि साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे कानपुर और भीमसेन रेलवे स्टेशन के बीच पटरी से उतर गए। त्रिपाठी के अनुसार, ट्रेन वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी और इस हादसे में जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

साबरमती एक्सप्रेस पटरी से उतरी

Sabarmati Express Derailed: वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस के कम से कम 20 डिब्बे कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास शनिवार तड़के पटरी से उतर गए। हालांकि, इस हादसे में जान-माल के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है। हादसे के पीछे साजिश की आशंका भी बताई जा रही है। इसे लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, साबरमती एक्सप्रेस का इंजन ट्रैक पर रखी किसी चीज से टकरा गया और आज सुबह 02:35 बजे कानपुर के पास पटरी से उतर गया। तेज टकराने के निशान देखे गए हैं। साक्ष्य सुरक्षित हैं। आईबी और यूपी पुलिस तैनात हैं। इस पर भी काम चल रहा है। यात्रियों या कर्मचारियों को कोई चोट नहीं आई और अमदावाद की आगे की यात्रा के लिए ट्रेन की व्यवस्था की गई।

तड़के करीब ढाई बजे हुआ हादसा

वहीं, उत्तर-मध्य रेलवे (एनसीआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने ने बताया कि यह हादसा तड़के करीब ढाई बजे हुआ। उन्होंने बताया कि साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे कानपुर और भीमसेन रेलवे स्टेशन के बीच पटरी से उतर गए। त्रिपाठी के अनुसार, ट्रेन वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी और इस हादसे में किसी के मारे जाने या घायल होने की फिलहाल कोई खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य जारी है। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, ड्राइवर ने बताया कि ट्रेन के इंजन से कोई बड़ा पत्थर आ टकराया, जिससे इसके अगले हिस्से में जानवरों से बचाव के लिए लगा 'कैटल गार्ड' बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर मुड़ गया।

हादसे के वक्त ज्यादातर यात्री सो रहे थे

अधिकारी के मुताबिक, टक्कर की तेज आवाज के बाद जब ट्रेन रुकी, तब उसमें सवार ज्यादातर यात्री सो रहे थे। विकास नाम के एक यात्री ने पीटीआई से कहा, कानपुर रेलवे स्टेशन से निकलने के कुछ ही देर बाद हमने एक तेज आवाज सुनी और रेल का डिब्बा हिलने लगा। मैं बहुत डर गया, लेकिन ट्रेन रुक गई। वाराणसी से सवार और अहमदाबाद जा रहे विकास ने बताया कि ट्रेन जब पटरी से उतरी, तब वह बहुत धीमी गति से चल रही थी। उसने कहा कि जैसे ही ट्रेन रुकी, यात्री अपने डिब्बों से बाहर निकलने लगे। एक अन्य यात्री ने बताया कि मदद के इंतजार में ज्यादातर यात्री रेलवे पटरी के किनारे बैठे रहे। उसने बताया, घटना के करीब एक घंटे बाद पुलिस आई। हम अपने सामान के साथ रेलवे पटरी के किनारे बैठकर मदद का इंतजार कर रहे थे।

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