जैसे ही गूंजी सुंदरकांड की चौपाई रामकाज कीन्हे बिनु..., भावुक हुए पीएम मोदी
Sabke Ram: पीएम मोदी के हाथों में अनूठी कॉफी टेबल बुक 'सबके राम' पहुंची। पीएम मोदी ने आह्वान किया कि राष्ट्र की सभी प्रमुख विभूतियों और अलग-अलग देश में सभी भारतवंशियों तक सदियों के संघर्ष और सत्य की जीत की यह गाथा पहुंचे। आपको इस पुस्तक से जुड़ी खास बातें जाननी चाहिए।
'सबके राम' पुस्तक के साथ पीएम मोदी।
PM Modi News: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर और भारत प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरुण गोयल ने "सबके राम" कॉफी टेबल बुक भेंट की। खास बात यह है कि इस पुस्तक को आप पढ़ भी सकते हैं और हिंदी व अंग्रेजी में सुन भी सकते हैं।
पीएम मोदी ने किया ये आह्वान
पीएम मोदी ने आह्वान किया कि राष्ट्र की सभी प्रमुख विभूतियों और अलग-अलग देश में सभी भारतवंशियों तक सदियों के संघर्ष और सत्य की जीत की यह गाथा पहुंचे। इस पुस्तक को आप पढ़ भी सकते हैं और हिंदी व अंग्रेजी में सुन भी सकते हैं।
राम मंदिर से जुड़ी अनकही कहानियां
भारत के कण कण में राम हैं। अध्यात्म, इतिहास, मिथक या विज्ञान क्या है राम जन्म भूमि और जन्म तिथि का सच, अयोध्या के इतिहास को उसके वर्तमान से जोड़ता अध्याय, ऐसी तमाम बातों को कहती एक अनूठी पुस्तक है "सबके राम"। अयोध्या में राम मंदिर के लिए 500 वर्ष का संघर्ष अब सार्थक हो गया है। दुनियाभर के करोड़ों रामभक्तों का अपने आराध्य की जन्मभूमि पर मंदिर का सपना साकार हो चुका है। इस पुस्तक में राम मंदिर की नींव में दबे समर्पण, त्याग, बलिदान और सामाजिक चेतना के उद्घोष की अनकही कहानियां हैं।
संघर्षों की कहानियों, प्रभु राम से जुड़ी आस्थाओं, पौराणिक कथाओं से जुड़े इतिहास और तथ्यों को इस पुस्तक में ज्ञान की प्रामणिकता के साथ एक नए स्वरूप में लाया गया है। इस किताब में आपको आडियो के रूप में प्रभु राम से जुड़ी वह सारी जानकारी मिलेगी, जो उनके विराट रूप को सिर्फ भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए आदर्श का प्रतीक बनाता है।
पढ़ और सुन सकते हैं कई खास बातें
इस पुस्तक में भारत की ऐसी राम नाम पर विचार पढ़ सकते हैं और सुन सकते हैं जो देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में जाने जाते हैं। इस पुस्तक के माध्यम से पता चलेगा कि क्यों प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अयोध्या को राष्ट्रीय अभिमान कहते थे।महान विभूतियों के
राम राज्य, राम रीति और राम नीति को पीएम मोदी, राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, सरसंघचालक मोहन भागवत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जूना आखाड़ा के आचार्य महामंडलेवर स्वामी अवधेशानंद गिरि कैसे देखते हैं यह इस पुस्तक के माध्यम से जान पाएंगे। ये सभी राम मंदिर संघर्ष के साक्षी रहे हैं। इस पुस्तक में भगवान राम और उनकी अयोध्या के बारे में वैज्ञानिकता से देखने का प्रयास किया गया है। यह किताब साक्ष्यों के आधार पर आपके अनेकों अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर देगी।
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हिमांशु तिवारी एक पत्रकार हैं जिन्हें प्रिंट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक का 16 साल का अनुभव है। मैंने अपना करियर क्राइम रिपोर्टर के रूप में शुरू किया था...और देखें
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